UP Madrasa News: उत्तर प्रदेश में मदरसे पिछले 1 साल से चर्चा का विषय बने हुए हैं. पिछले साल मदरसों का सर्वे कराया गया था और उसी सर्वे की रिपोर्ट के बाद अब मदरसों में फंडिंग की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई है. उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 24000 मदरसे हैं जिसमें से 16000 मदरसे रजिस्टर्ड हैं तो 8000 मदरसे अनरजिस्टर्ड हैं. यूपी सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी में ये सभी 24000 मदरसे एसआईटी के रडार पर हैं.


इन मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच के लिए सरकार द्वारा यह एसआईटी बनाई गई है. एसआईटी सबसे पहले बॉर्डर क्षेत्र जिसमें नेपाल से सीमा से जुड़े हुए जो मदरसे हैं उनकी जांच करेगी. यूपी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच के लिए एक एसआईटी बनाई गई है. यह एसआईटी एटीएस के एडीजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में बनाई गई है. उनके साथ एसआईटी में साइबर क्राइम के एसपी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण के निदेशक जी रेवा को सदस्य बनाया गया है. 


मदरसों की जांच करेगी एसआईटी


यह एसआईटी उत्तर प्रदेश में मदरसों के फंडिंग की जांच करेगी. किन मदरसों में विदेश से कितना पैसा आ रहा है और इन पैसों का इस्तेमाल कहां-कहां हो रहा है ये जांच करने के लिए ये एसआईटी बनाई गई है. सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार को मदरसों में अवैध विदेशी फंडिंग की कुछ सूचनाओं मिली थी जिसका इस्तेमाल मदरसे से अतिरिक्त अन्य जगह भी होने की बात सरकार को पता चली थी, जिसके बाद सरकार ने यह एसआईटी बनाई. 


बांग्लादेशी, रोहिंग्या का किया जिक्र


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मदरसों से जुड़ी हुई जानकारी आईबी ने इकट्ठा करके केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दी थी. इस रिपोर्ट में आईबी ने बताया था कि भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मदरसों में बांग्लादेशी, रोहिंग्या नागरिकों का एक बड़ा जमावड़ा हो गया है और यह लोग मदरसों, मजारों और मस्जिदों का बड़े स्तर पर निर्माण कर रहे हैं. साथ ही यहां से कई अवैध गतिविधियां संचालित कर रहे हैं. 


एसआईटी ने पहली बैठक की


इसी रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने एक एसआईटी बनाई है जो मदरसों के फंडिंग की जांच करेगी. एसआईटी ने अपनी पहली बैठक भी कर ली है, जिसकी अध्यक्षता एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने की. इस बैठक में सबसे पहले बॉर्डर एरिया के मदरसों के जांच करने की बात तय की गई है.


इसके साथ ही यह भी तय हुआ है कि उन मुकदमों के बारे में भी जानकारी ली जाएगी जो पहले से विदेशी फंडिंग को लेकर के दर्ज हुए हैं. अगर किसी मदरसे के खिलाफ नियम विरुद्ध तरीके से अन्य देशों से पैसा मिलने का और उसका गलत इस्तेमाल का सुराग हाथ लगेगा तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उसकी विवेचना भी कराई जाएगी. 


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