Caste Census: जातिगत जनगणना को लेकर Akhilesh Yadav ने बनाई ये योजना, सांसद-विधायकों को सौंपेंगे जिम्मेदारी
UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षण और जाति को लेकर यूपी में आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज होता जा रहा है. दलित और शु्द्र वोटों को अपने पाले में लाने की कोशिश चल रही है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना (Caste Census) का मुद्दा फिर से गरमाता जा रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने फिर से जातिगत जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है. अखिलेश ने कहा कि, जाति की जनगणना होनी चाहिए. देश के कई सारे राजनीतिक दल ये चाहते हैं. समाजवादी पार्टी के विधायक, सांसद, गांव-गांव जाकर इस बात के लिए लोगों में जागरूकता लाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि, समाजवादी पार्टी के साथ देश के बहुत सारे दल हैं जो जाति जनगणना चाहते हैं. कुछ समय में पार्टी का नेतृत्व गांवों में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करेगा, क्योंकि जब जनगणना होगी तभी संभव हो पाएगा कि विकास योजनाओं से उनको (लोगों को) कैसे जोड़ें.
विधानसभा में मुद्दा उठाएगी सपा
वहीं बताया जा रहा है कि जातिगत जनगणना को लेकर समाजवादी पार्टी एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है. पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाने की तैयारी कर रही है. बिहार में जातिगत जनगणना शुरू हो चुकी है तो वहीं यूपी में भी इसे लेकर सियासत गर्म है. मुख्य विपक्षी दल सपा इसे लेकर रणनीति बना रही है. अगले साल ही देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में आरक्षण और जाति को लेकर यूपी में आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज होता जा रहा है. दलित और शु्द्र वोटों को अपने पाले में लाने की कोशिश चल रही है.
समाजवादी पार्टी के साथ देश के बहुत सारे दल हैं जो जाति जनगणना चाहते हैं। कुछ समय में पार्टी का नेतृत्व गांवों में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करेगा क्योंकि जब जनगणना होगी तभी संभव हो पाएगा कि विकास योजनाओं से उनको (लोगों को) कैसे जोड़ें: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव pic.twitter.com/uY2QcAmFWD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2023
गिनने को तैयार नहीं बीजेपी-अखिलेश
प्रदेश में जहां एक तरफ सपा बीजेपी सरकार को दलित और पिछड़ा विरोधी बता रही है तो वहीं बीजेपी उसे लोगों को बांटने वाली पार्टी बता रही है. रामचरितमानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद जाति का मुद्दा चर्चा के केंद्र में आ गया है. अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा है कि, पिछड़े-दलित भाजपा के लिए सिर्फ वोट के पैमाने पर हिंदू हैं या कहें चुनाव के समय में भाजपा के लिए पिछड़े-दलित हिंदू हैं पर उसके बाद अपना हक मांगने पर भाजपा के लिए पिछड़े-दलित केवल शून्याकार बिंदु हैं, जिनको भाजपा सरकार गिनने तक को तैयार नहीं, उनकी भलाई के बारे में वो क्या सोचेगी.