UP Politics: पर्दे के पीछे चल रहा था बड़ा खेल! सपा नेता ने बताई ऋचा सिंह और रोली को निकालने की असली वजह
UP News: सपा नेता पूजा शुक्ला ने कहा, कुछ शक्तियां समाजवादी पार्टी को महिला विरोधी और ब्राह्मण विरोधी घोषित करने के लिए लगातार काम कर रही हैं. राम कथा और रामचरितमानस से हमारा विरोध नहीं है.
Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी से ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा (Richa Singh Roli Tiwari Mishra) के निष्कासन पर पार्टी की महिला नेता पूजा शुक्ला (SP Leader Pooja Shukla) ने बड़ा बयान दिया है. पूजा शुक्ला ने कहा कि, मैं निरंतर राम कथाओं में जा रही हूं, रामचरितमानस (Ramcharitmanas) का पाठ हो रहा है सुंदरकांड हो रहा है वहां भी जा रहे हैं मुझ पर तो कोई कार्रवाई नहीं हो रही. कार्यवाही उन पर हो रही है जिनको उदंडता और अनुशासनहीनता दोनों का मतलब सही से नहीं पता है. वे संगठन में रहेंगे, लेकिन उसके बावजूद संगठन का विरोध उनके मन में है तो पार्टी के उचित फोरम पर ये बात ना करके केवल ट्विटर पर कह रहे थे. ट्विटर पर कहने से उनको टीआरपी मिलती हैं क्योंकि सारा खेल टीआरपी का है.
पूजा शुक्ला ने कहा कि, रिचा और रोली तिवारी कहीं ना कहीं लगातार अनुशासनहीनता कर रही थीं. वह अनुशासनहीनता उनकी रामचरितमानस विवाद से पहले की है. वे लगातार समाजवादी पार्टी और उसके नेता की छवि खराब करने का काम कर रही थीं, इसीलिए समाजवादी पार्टी ने अच्छा कदम उठाया. जो भी लोग पार्टी की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं उन पर एक्शन लिया गया है. इन लोगों को मुक्त कर दिया अब इनकी जो भी विचारधारा है और जो भी काम करना चाहे उसके लिए इनको शुभकामनाएं.
डिंपल पर अभद्र टिप्पणी करती थीं ऋचा राजपूत- पूजा शुक्ला
पूजा शुक्ला ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी का यही चाल चरित्र रहा है, बीजेपी हमेशा पर्दे के पीछे से काम करती है. इसके पीछे भी भारतीय जनता पार्टी रही है. लगातार इनकी फोटो आ रही है, ट्वीट आ रहे हैं. ऋचा राजपूत डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करती थीं. आज रोली तिवारी के समर्थन में ट्वीट कर रही हैं. कहीं ना कहीं यह सारा गेम प्लान है. यह पहले से षड़यंत्र चल रहा था और अब खुलकर सामने आया, क्योंकि पार्टी ने जिस तरह से इनके ऊपर कार्रवाई की है इन्हें उम्मीद नहीं थी कि पार्टी ऐसी कार्रवाई करेगी.
पार्टी में रहकर कर रहे अनुशासनहीनता- पूजा शुक्ला
पूजा शुक्ला ने कहा कि, कुछ शक्तियां समाजवादी पार्टी को महिला विरोधी और ब्राह्मण विरोधी घोषित करने के लिए लगातार काम कर रही हैं. अखिलेश यादव ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम किया और लोगों के हक की लड़ाई लड़ी है. राम कथा और रामचरितमानस से हमारा कोई विरोध नहीं है विरोध उन लोगों से है जो पार्टी के अंदर रहकर अनुशासनहीनता कर रहे हैं और पार्टी की छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं.
पूजा शुक्ला ने कहा कि, कल साफ तौर पर पार्टी ने एक प्रेस रिलीज जारी की है जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी धर्म के मुद्दे पर बात करने की आवश्यकता नहीं है. धर्म हमारी निजी आस्था का विषय है, धर्म पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है, राजनीति अलग चीज है, मैं राम में आस्था रखती हूं, हनुमान में आस्था रखती हूं, लेकिन यह मेरे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है. दूसरे लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बनाते हैं और वे भगवान में भरोसा नहीं करते हैं.
धर्म के नाम पर बयान देने पर कार्रवाई- पूजा शुक्ला
पूजा शुक्ला ने कहा कि, समाजवादी पार्टी में सबके लिए न्याय बराबर है और जो भी अनुशासनहीनता करेगा चाहे वह पार्टी के सबसे वरिष्ठ लोग हों चाहे वह अन्य कार्यकर्ता हों जो भी गलत करेगा उस पर कार्रवाई होगी. कल समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि जो धर्म के नाम पर बयान देंगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी. जो लोग इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे उनकी भाषा पर रोक लग जाएगी. उन्हें समझ में आ गया होगा कि समाजवादी पार्टी जितनी लचीली है उतनी ही सख्त भी है.
पूजा शुक्ला ने कहा कि, सबका अपना विचार होता है और विचारधारा होती है. मैं राम में आस्था रखती हूं और रामचरितमानस में आस्था रखती हूं. यह मेरी आस्था है मेरा विचार हैं. यह मेरे अपने विचार हैं और किसी को आपत्ति है तो अपनी बात रख रहे हैं. क्या बीजेपी ने संजय निषाद को निकाल दिया, जिन्होंने राम के जन्म पर ही सवाल उठा दिया, क्या बीजेपी उन्हें निकालेगी. क्या नरेश अग्रवाल को बीजेपी निकालेगी. सिर्फ समाजवादी पार्टी से सवाल क्यों हो रहा है. उनको तो पदों पर बैठाया जा रहा है.
संजय निषाद को पार्टी से निकलवा दें- पूजा शुक्ला
पूजा शुक्ला ने कहा कि, ब्राह्मणों और दलितों के साथ अन्याय हो रहा है. कानपुर की जो घटना हुई है उसमें मौत का सौदा 5 लाख रुपये में हुआ. बीजेपी जो व्यवस्था बना रही है उसमें सीधी लड़ाई अमीर बनाम गरीब की है. वह जिस दल में हैं सबसे पहले उसी दल से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वह ऐसे दल के साथ खड़ी हैं जिसने लगातार राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किया है. अगर रिचा राजपूत राम की समर्थक हैं तो बीजेपी से इस्तीफा दें या फिर संजय निषाद को पार्टी से निकलवा दें, तो मैं मानूंगी की पार्टी में उनका सम्मान है.
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