UP Elections 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दलों के बीच इन दिनों होड़ मची हुई. दरअसल हर सियासी दल कि कोशिश है कि कैसे अपनी जनसभा में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाई जाए. अगर मंगलवार की बात करें तो उत्तर प्रदेश की सियासत में मंगलवार का दिन काफी अहम होने जा रहा है, क्योंकि यूपी में पूरब और पश्चिम की सियासत इस दिन देखने को मिलेगी. बता दें कि मंगलवार को सियासत का दंगल यूपी में होने जा रहा है. सियासत का पूरब और पश्चिम कल यानी मंगलवार को देखने को मिलेगा. क्योंकि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव मेरठ में होने वाली आरएलडी की संयुक्त परिवर्तन रैली में शामिल होंगे. यानी एक तरफ जहां पूर्वांचल में बीजेपी अपनी ताकत दिखाएगी तो वही पश्चिम में अखिलेश यादव आरएलडी और अन्य सहयोगियों के साथ अपना दमखम दिखाएंगे.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को होगा गोरखपुर दौरा


प्रधानमंत्री जब मंगलवार को गोरखपुर पहुंचेंगे तो वह लगभग 10,000 करोड़ कि परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इनमें सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ी परियोजना गोरखपुर का खाद कारखाना है. जिसकी कुल लागत 8603 करोड़ है और यह 600 एकड़ में बना हुआ है. लंबे समय से बंद चल रहे गोरखपुर के इस खाद कारखाने को शुरू करने के लिए योगी आदित्यनाथ ने काफी प्रयास किया और फिर खुद प्रधानमंत्री ने साल 2016 में इसे जल्द शुरू करने का ऐलान किया था और अब मंगलवार को इसका लोकार्पण हो जाएगा . 
इस खाद कारखाना के शुरू हो जाने से हर दिन 3850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया और 2200 मीट्रिक लिक्विड अमोनिया का उत्पादन होगा. 20 हज़ार लोगों को इससे प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. वहीं खेती किसानी के लिए पर्याप्त खाद की उपलब्धता हो पाएगी. 


दूसरा प्रोजेक्ट है गोरखपुर एम्स


दूसरे प्रोजेक्ट की बात करें तो वह है गोरखपुर का एम्स. जिसकी कुल लागत 1011 करोड़ है और ये 112 एकड़ में यह तैयार हुआ है. ये 300 बेड का अस्पताल है, इसके बन जाने से बिहार, झारखंड और नेपाल के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी. यहां 14 मॉडुलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं. सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं यहां मौजूद है. 


रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की भी लोगों को मिलेगी सौगात



ज्ञात हो कि पीएम मोदी एक रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की भी सौगात कल गोरखपुर में लोगों को देंगे. इसमें 125 एमबीबीएस की सीटें भी हैं. इससे वायरस रिसर्च परीक्षण में आसानी होगी. जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए यहां पर अत्याधुनिक जांच की सुविधा उपलब्ध होगी. इस पर कुल खर्च लगभग 32 करोड़ हुआ है.  नरेंद्र मोदी की इस रैली के जरिए बीजेपी जहां अपनी ताकत दिखाने में जुटी है इसीलिए इसकी तैयारी भी जोरदार की गई है. लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए 3000 बसें और 20000 फोर व्हीलर का इंतजाम किया गया है. वहीं कहा जा रहा है कि 50000 दुपहिया वाहन से भी इस कार्यक्रम में लोग पहुँचेंगे. इसके लिए कुल 24 पार्किंग स्थल बनाए गये हैं.


मेरठ में आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी के साथ मंच पर होंगे अखिलेश यादव


एक तरफ जहां बीजेपी पूर्वांचल में अपनी ताकत दिखाएगी तो वहीं मेरठ में कल आरएलडी की संयुक्त परिवर्तन रैली का आयोजन किया गया है जिसमें आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी के साथ मंच पर गठबंधन के साथी अखिलेश यादव शामिल होंगे. इसके अलावा गठबंधन के अन्य साथी भी उस मंच पर मौजूद होंगे. ओम प्रकाश राजभर भी इस रैली में शामिल होंगे.


आरएलडी और समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि इस रैली के जरिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत का एहसास कराया जाए और इसीलिए पहले इस रैली की तारीख 2 दिसंबर रखी गई थी लेकिन जब अखिलेश यादव ने इसमें शामिल होने के लिए हरी झंडी दी तो इसकी तारीख बदल कर 7 दिसंबर की गई. यह संयुक्त परिवर्तन रैली सिवालखास विधानसभा में हो रही है. यह विधानसभा आरएलडी का गढ़ माना जाता है और बागपत लोकसभा में आता है, जहां से पहले चौधरी अजीत सिंह सांसद हुआ करते थे.


आरएलडी का प्रयास है कि इस रैली को सफल बनाया जाए, इसके लिए आरएलडी ने काफी तैयारी की है. उसका दावा है कि 1 लाख से अधिक लोग इस रैली में शामिल होंगे. कार्यक्रम स्थल पर 25000 से ज्यादा कुर्सियां लगाई गई हैं. लोगों को इस संयुक्त परिवर्तन रैली में लाने के लिए 300 से 400 के लगभग बसें लगाई जा रही है, एक से डेढ़ हजार ट्रैक्टर ट्रॉली से भी लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आएंगे. मेरठ में होने जा रही इस संयुक्त रैली पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मेरठ से कई बार विधायक रहे लक्ष्मीकांत वाजपेई का कहना है कि लोकतंत्र में सबको अपने काम करने का अधिकार है लेकिन जब नतीजे आएंगे तो अखिलेश यादव कहेंगे कि रैली में तो खूब भीड़ आयी लेकिन वोट कहां चले गए.


भीड़ को वोट से जाड़कर देखते हैं लोग


सियासत में सियासी दल हमेशा इस कोशिश में रहते हैं कि कैसे जनसभाओं में रैलियों में भारी भीड़ जुटाई जाए और जब चुनाव करीब हो तो कई बार यह रैलियां और इसमें जुटने वाली भीड़ पार्टी की तैयारी का आकलन करने में काफी मददगार साबित होती हैं. यही वजह है कि जहां एक तरफ बीजेपी पूर्वांचल को साधने के लिए रैली में भारी भीड़ जुटाने की तैयारी में जुटी है तो वही पश्चिम में अपना दबदबा दिखाने की तैयारी आरएलडी की भी है. इस भीड़ को वोट में कौन कितना तब्दील कर पाता है ये तो चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चलेगा. 


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