बीजेपी सरकार में बढ़ा 8 लाख हेक्टेयर गन्ना का क्षेत्र, 85 फीसदी से ज्यादा किसानों को हुआ भुगतान
यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने गन्ना मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी को अभूतपूर्व बताया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि सरकार का ध्यान किसानों पर भी है. उनका कहना है कि गन्ना का दाम बढञने से किसान खुश हैं.
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोत्तरी के एलान को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि प्रदेश के करोड़ों किसान सरकार के एजेंडे में हैं. मुख्यमंत्री के गन्ना मूल्य बढ़ाने के फैसले से गन्ना किसान परिवार उत्साहित हैं. इस मूल्य वृद्धि से गन्ना किसानों को 4000 करोड़ रुपये का सीधा फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि 2017 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आई थी, तब गन्ना किसानों का 8 साल का भुगतान बकाया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले 20 साल से चालू सत्र का सर्वाधिक भुगतान कराया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सीजन में 85 फ़ीसदी से ज्यादा गन्ना किसानों का भुगतान हो चुका है.
गन्ना मंत्री ने कहा कि गन्ना मूल्य प्रति कुंटल 325 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है. सामान्य गन्ने का मूल्य 315 रुपये प्रति कुंतल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है. हालांकि, गन्ना किसान लंबे अरसे से 400 रुपये प्रति कुंटल का मूल्य मांग रहे हैं. इसे लेकर बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी लिखा है.
गन्ना किसानों के लिए सरकार ने किया शानदार काम
गन्ना मंत्री ने कहा कि साढे़ चार साल में गन्ना किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शानदार काम किए. इन्हीं कामों की बदौलत प्रदेश में गन्ना की पैदावार 66 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 81 टन प्रति हेक्टेयर हो गई और वर्तमान में उत्तर प्रदेश में देश के किसी भी प्रदेश से सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन हो रहा है.
गन्ना मंत्री ने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसान सरकार के मुख्य एजेंडे में है. सरकार की तरफ से उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं जिसके परिणामस्वरूप बीते साढ़े चार साल में गन्ने की बुवाई 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हो गई है यानि प्रदेश में गन्ने का उत्पादन क्षेत्र 8 लाख हेक्टेयर बढ़ा है.
योगी सरकार ने किया गन्ना किसानों पर फोकस
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि सिर्फ पैदावार ही नहीं, गन्ना की उपज से जुड़े सारे विषयों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने फोकस किया है. अगर खांडसारी की बात करें तो बीते 25 साल में कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया. मुख्यमंत्री ने सारी बाधाएं दूर कर 270 खांडसारी इकाइयों के लाइसेंस जारी किए जो नई 14 चीनी मिलों के बराबर हैं. इन खांडसारी कानों के माध्यम से 9 करोड़ कुंतल पिराई हुई
गन्ना मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब राजस्थान, पंजाब समेत अन्य राज्यों में चीनी मिल बंद हो रही थीं तब यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी भी चीनी मिल को बंद नहीं होने दिया. बीते 10 सालों में 21 चीनी मिलें बेची गई और 19 बंद करा दी गईं लेकिन बीते साढ़े 4 साल में जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है, 5 नई चीनी मिलें शुरू की गईं.
एथेनॉल का भी बढ़ा उत्पादन
गन्ना के साथ ही एथेनॉल का उत्पादन भी बढ़ा है. 5 साल पहले प्रदेश में 41 करोड़ लीटर एथेनॉल होता था जबकि आज 99 करोड़ लीटर उत्पादन हो रहा है. उन्होंने कहा कि मायावती और अखिलेश यादव की सरकार में जितनी गन्ना खरीद हुई, उससे कहीं ज्यादा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में गन्ना खरीदा गया है.
उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2007 से 2012 तक मायावती की सरकार में 52 हज़ार करोड़ रुपए की गन्ना खरीद हुई थी जबकि 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव की सरकार में 95 हज़ार करोड़ रुपये की गन्ना खरीद हुई. 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तब से अब तक एक लाख 44 हजार करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा जा चुका है. गन्ना मंत्री ने 20 अक्टूबर से पेराई शुरू करने की जानकारी दी.
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