Bhadohi MLA Vijay Mishra: देश की राजधानी से यूपी के भदोही जनपद के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को तगड़ा झटका लगा है. देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने विजय मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में खुद के प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जा सकती है. विधायक मौजूदा समय में रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी से मकान कारोबार हड़पने के मामले में आगरा जेल बन्द है. हालांकि इस केस के बाद विधायक पर धमकाने हत्या की साजिश और गैंगरेप जैसे कई अन्य मामले दर्ज हुए हैं.
क्या है मामला
भदोही जनपद के ज्ञानपुर सीट से लगातार चार बार से विधायक बने विजय मिश्रा को आज सोमवार को बड़ा झटका लगा है. सातवें चरण के विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए लगाई गई जमानत याचिका को सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया है. विधायक के ऊपर हत्या, हत्या की साजिश, धमकी, गैंगरेप, बम से हमले जैसे कई संगीन अपराधिक मामले पंजीकृत हैं. ऐसे में केवल चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए जमानत देना ठीक नहीं है.
कोर्ट ने क्या कहा
माननीय न्यायाधीश ने थोड़ी सी राहत देते हुए कहा की आगे अगर संबंधित मामले में सबूतों और गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हो जाते हैं तो पुनः जमानत याचिका लग सकती है. विधायक विजय मिश्रा रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी से मकान कारोबार हड़पने के मामले में आगरा जेल बन्द हैं. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने से उनके समर्थकों में काफी निराश और मायूसी छाई हुई है.
फरारी है बेटा
बतातें चले कि रिश्तेदार से मकान कारोबार हड़पने सहित अन्य मामले में एमपी एमएलए कोर्ट से सशर्त जमानत पर पहले से ही बाहर हैं. विधायक की पत्नी रामलली मिश्रा समाजवादी पार्टी से मीरजापुर सोनभद्र की सीट से निर्वाचित विधान परिषद सदस्य हैं. वहीं कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्रा भी उपरोक्त मामले में फरारी काट रहा है. जिसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार के अनुसार विष्णु मिश्रा के देश से फरार होने की सूचना पर यह नोटिस तत्कालीन समय न्यायालय के निर्देशानुसार जारी किया गया था. विष्णु मिश्रा फिलहाल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
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