Uttar Pradesh News: 26 साल तक शिक्षक ने किया इंसाफ के लिए संघर्ष, अब सीएम योगी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव
भू-माफियों के जरिये सार्वजानिक जमीन हड़पने के बाद, 26 साल से विरोध कर रहे 59 वर्षीय शिक्षक को इंसाफ नहीं मिला. इससे आहत शिक्षक ने सीएम आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
The Former Teacher will contest against Chief Minister Yogi Adityanath in Protest: 26 साल से विरोध कर रहे पूर्व शिक्षक ने गोरखपुर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. स्कूल के पूर्व शिक्षक 59 वर्षीय विजय सिंह ने कहा कि, "मैंने सरकारी जमीन को माफिया के चंगुल से मुक्त कराने के लिए हर संभव कोशिश की है. सभी बड़े अधिकारियों और मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है.
2012 में, मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला, जिन्होंने जांच के लिए एक समिति का गठन किया था, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ. जब योगी मुख्यमंत्री बने, तो मैंने उनसे संपर्क किया और उन्होंने मुझे निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट में मेरे दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि की थी. मैंने 30 बार लखनऊ का दौरा किया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
भू-माफियाओं के सार्वजनिक भूमि हड़पने से आहत होकर, नौकरी छोड़ शुरू किया विरोध
1996 में भू-माफियाओं के जरिये उनके छुडाना गांव में सार्वजनिक भूमि हड़पने से सिंह 'बेहद परेशान' हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण के विरोध में मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि अब, मैं जनता के पास जाऊंगा. उन्हें दिखाऊंगा कि, इस प्रणाली ने मेरे साथ क्या किया है. 26 साल कोई छोटा समय नहीं है. मैंने अपना जीवन एक उचित कारण के लिए दिया है.
अपने 26 साल के लंबे विरोध के दौरान, सिंह ने अपने पारिवारिक जीवन का बलिदान दिया. उन्होंने ऐसे में कई धमकियों का सामना किया और पूरी तरह से सरकारी उदासीनता का सामना किया. उन्होंने शामली जिले को मुजफ्फरनगर से अलग होते हुए देखा, लेकिन मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट में अपने विरोध स्थल से नहीं हटे. दो साल पहले तत्कालीन जिलाधिकारी ने जब उन्हें उनके धरना स्थल से बेदखल कर दिया, तो उन्होंने शहर के शिव चौक इलाके में मोर्चा संभाल लिया.
सीएम योगी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव, अखिलेश के खिलाफ बाटेंगे पर्चे
2012 में, विजय सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ तक 600 किलोमीटर की पदयात्रा भी की, लेकिन उनसे मिलने में असफल रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं और करहल में अखिलेश यादव के खिलाफ पर्चे भी बांटूंगा.
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