UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने ट्वीट करके जिस तरह अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा उसके बाद अब यह जगजाहिर है कि शिवपाल यादव की राह समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से बिल्कुल अलग है. हालांकि बीजेपी में जाने क्यों की चर्चा तो खूब रही पर अभी बीजेपी के लिए उनके दरवाजे बंद नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नया मोर्चा बना सकते हैं.


झुकने के मूड में नहीं शिवपाल
शिवपाल यादव ने ईद के मौके पर जिस तरीके से ट्वीट किया उसमें हर एक शब्द अखिलेश यादव पर कटाक्ष कर रहे थे. इस ट्वीट ने समाजवादी पार्टी और परिवार के बीच क्या कुछ चल रहा है उस तस्वीर को बिल्कुल साफ कर दिया और एक बात बिल्कुल साफ है कि अब शिवपाल यादव ना झुकने के मूड में है और ना ही सुलह कि उनकी तैयारी है. अब शिवपाल यादव अलग रास्ते पर निकल पड़े हैं और इसका ऐलान उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए कर दिया है. 


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ट्वीट में क्या संकेत दिया 
ट्वीट में शिवपाल ने एक और संकेत और वह है पुनर्गठन का, यानी शिवपाल यादव फिर से अपनी पार्टी का पुनर्गठन तो करेंगे लेकिन इस बार कुछ ऐसे लोग भी उनके साथ होंगे जो समाजवादी पार्टी से नाराज हैं और शिवपाल यादव हाल के दिनों में उनके संपर्क में रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम आजम खान का है, सियासी गलियारों में चर्चा है कि शिवपाल यादव अब इस तैयारी में है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाया जाए जिसमें आजम खान भी हों. 


ये भी हो सकते हैं मोर्चे में
इस मोर्चे में सपा के ऐसे विधायक जो पार्टी से नाराज हैं वो हों, एआईएमआईएम हो सकती है, चंद्र शेखर आजाद भी उसका हिस्सा हो सकते हैं. बाबू सिंह कुशवाहा भी उसमें साथ आ सकते हैं क्योंकि आप याद करिए जब शिवपाल यादव, अखिलेश यादव के साथ नहीं आए थे उससे पहले उनकी अलग-अलग बैठकें असदउद्दीन ओवैसी और चंद्रशेखर आजाद के साथ हो चुकी थीं.


भतीजे के मोह में चाचा शिवपाल ने अपने सम्मान को पीछे छोड़ते हुए समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा और इस बात का जिक्र उनके ट्वीट में भी दिखता है. तीसरे मोर्चे के सवाल पर पार्टी के प्रवक्ता कहते हैं कि लोकतंत्र के लिए समाजवाद को नकली लोगों से बचाए रखने के लिए जो भी जरूरी होगा वह कदम शिवपाल यादव उठाएंगे.


बीजेपी से ग्रीन सिग्नल नहीं 
बीते दिनों जब शिवपाल यादव की करीबी बीजेपी से दिखी तो सवाल उठे कि क्या शिवपाल यादव बीजेपी में जाएंगे. अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि बीजेपी चाचा को जल्दी क्यों नहीं लेती लेकिन अब लगता है कि शिवपाल यादव को बीजेपी से ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है और उनके लिए फिलहाल पार्टी के दरवाजे बंद हैं तभी वे नए विकल्प पर आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं. 


कोई फर्क नहीं पड़ेगा-बीजेपी
हालांकि इस पर बीजेपी का साफ तौर पर कहना है कि लोकतंत्र में सबको अपने रास्ते चुनने का अधिकार है. शिवपाल यादव का अखिलेश यादव ने अपमान किया है. यह ट्वीट में सबको पता चला है. वो कोई मोर्चा बना लें बीजेपी पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. शिवपाल यादव के बीजेपी में आने के सवाल पर बीजेपी के नेता कहते हैं कि लोकतंत्र में कयास लगते रहते हैं लेकिन ऐसा कहीं कुछ नहीं है. वहीं तीसरे मोर्चे के सवाल पर समाजवादी पार्टी के लोग कुछ भी साफ तौर पर बोलने से बच रहे हैं.


बड़ा मोर्चा तैयार करने में जुटे
हालांकि शिवपाल यादव के इस ट्वीट पर अभी तक अखिलेश यादव ने भी कोई रिएक्शन नहीं दिया है लेकिन इतना साफ है कि अब अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की राहें जुदा हैं और कहीं ना कहीं 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव एक बड़ा मोर्चा तैयार करने में जुटे हैं जिससे यूपी की सियासत में वे अपनी ताकत एक बार फिर से दिखा सकें.


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