UP News: देश के सबसे ऊंची इमारतों में शुमार किये जाने वाले नोएडा (Noida) सेक्टर 93A में मौजूद, ट्विन टावर को इसी साल 22 मई को ध्वस्त कर दिया जायेगा. इस टावर को ध्वस्त करने के करने विशेष तरीका अपनाया जायेगा, जहां विस्फोट के जरिए दोनों टावर महज 9 सेकेंड में ध्वस्त हो जाएंगे. यह भी एक संयोग है कि, सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी (Supertech Emerald Court Society) में बने ट्विन टावरों (Twin Towers) को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 31 अगस्त 2021 को नौ महीने की समय सीमा तय की थी और इसे नौ सेकंड में जमींदोज़ करने की भी योजना है. 


इस टावर को गिराने के लिए 4 हजार किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जायेगा. करीब 100 मीटर की दूरी से रिमोर्ट दबाकर इन्हें ध्वस्त किया जाएगा. ध्वस्तीकरण के बाद करीब 10 मिनट तक आसपास के करीब 30 मीटर एरिया तक धूल उड़ेगी। धूल उड़ने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर पानी से छिड़काव किया जाएगा. इस टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग ने गिराने की योजना को साझा करते हुए बताया कि, ट्विन टावरों में से एक सियान जिसकी ऊंचाई करीब 97 मीटर है और इसमें 31 मंजिलें हैं, सबसे पहले जमींबोस होगी. उसके बाद एपेक्स जिसकी ऊंचाई सौ मीटर है और इसमें 32 मंजिल है, जमींबोस होगी. 


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एडिफिस एजेंसी के हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि, इस को गिराने के लिए 25 सौ से चार हजार किलोग्राम के बीच विस्फोटक की जरुरत होगी. मार्च के आखिरी या अप्रैल के पहले हफ़्तों में सुरक्षा मानकों की जांच करने के लिए परीक्षण विस्फोट की योजना है." उन्होंने आगे बताया कि, "टावर में दस प्राथमिक और सेकेंडरी ब्लास्ट फ्लोर पर लगाये जायेंगे. हर मंजिल पर हटाने लायक चीजें जैसे खिड़की, फ्रेम, ग्रिल, दरवाजे, वायरिंग और प्लंबिंग को हटाया जायेगा. विस्फोट के समय मलबे को उड़ने से रोकने के लिए वायर्ड मेश और जियोटेक्सटाइल फैब्रिक की दो तीन परतों से ढाका जायेगा.   


ट्विन टावर को गिराते समय उठाये जायेंगे एहतियाती कदम
नोएडा के दोनों टावर सियान और एपेक्स को गिराते समय आसपास के 15 सौ परिवारों को अपना घर छोड़ना होगा. इन परिवारों से विस्फोट करीब तें घंटे पहले घर खली करवाया जायेगा. ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया के दौरान करीब एक घंटे तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के साथ इसके आसपास के से गुजरने वाली सभी सड़को गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी जायेगी. अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे तक विस्फोट के दौरान कोई भी निर्माण सामग्री नहीं पहुंचेगी, लेकिन एतिहयात के तौर पर इसे बंद रखा जाएगा. 


आसपास के फ्लैटों को नुक्सान से बचाने की यह योजना 
एडिफिस एजेंसी के हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि, ध्वस्तीकरण वाले दिन आसपास के फ्लैटों को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन फिर भी 100 करोड़ का बीमा कराया जा रहा है. अभी टावर में विस्फोटक लगाने के लिए काम चल रहा है. किसी भी नुकसान से बचने के लिए सभी स्तरों पर एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं. पिछले 22 दिन से ट्विन टावर में करीब 300 मजदूर अलग-अलग तल पर तोड़फोड़ के काम में लगे हुए हैं.


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