उत्तर प्रदेश: दो रोहिंग्या गिरफ्तार, अलीगढ़ में रहकर सोने की तस्करी करने का है आरोप
देश में अवैध रूप से रह रहे दो और रोहिंग्या को एटीएस ने अलीगढ़ शहर से गिरफ्तार किया है. एटीएस ने दोनों के पास से सोने के बिस्कुट बरामद किए.

लखनऊ: अवैध रूप से देश में रह रहे दो और रोहिंग्या को एटीएस ने गिरफ्तार किया है. मोहम्मद रफीक और उसका भाई मोहम्मद आमीन मूल रूप से म्यांमार के रहने वाले हैं और कई महीनों से यहां अलीगढ़ के मकदूमनगर में रह रहे थे.
खास बात यह है कि दोनों के पास से सोने के बिस्कुट भी बरामद हुए हैं. उन्हें राम एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि दोनों सोने के बिस्कुट की तस्करी करते थे. फिलहाल दोनों को जेल भेज दिया गया है. आगे की पूछताछ के लिए एटीएस दोनों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है.
फर्जी तरीके से रोहिंग्यों नें बनवाए आधारकार्ड, वोटर आईडी- एडीजी
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि, बांग्लादेश के रास्ते भारत आकर रोहिंग्याओ ने फर्जी तरीके से आधारकार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज बनवा लिए हैं. एटीएस की टीम लगातार रोहिंग्याओं और उनके मददगारों पर नजर रखे हैं. आज अलीगढ़ से जो दो सगे भाई पकड़े गए हैं दोनों तस्करी भी करते थे.
उन्होंने बताया कि, बांग्लादेश के रास्ते रोहिंग्या नागरिकों की भारत में घुसपैठ कराकर उनके फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के 11 रोहिंग्याओं को यूपी पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. पकड़े गए सभी रोहिंग्या अपने साथियों को अवैध तरीके से देश में लाकर उनके भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज बनवाने के एवज में उनसे वसूली करते थे. एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक रोहिंग्या मुसलमानों के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इनको गिरफ्तार करने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है.
एतीएस ने अब तक 11 रोहिंग्याओं को किया गिरफ्तार
अब तक एटीएस ने जिन 11 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है उनमें अजीजुल हक उर्फ अजीजुल्ला, अहमद हसन उर्फ फारुख, मोहम्मद शाहिल उर्फ शाहिद, आमिर हुसैन और नूर आलम, अब्दुल माजिद, नोमान अली, रिजवान खान व फुरखान के अलावा दो बांग्लादेशी भी शामिल हैं. इन सभी रोहिंग्याओं को गाजियाबाद, अलीगढ़ और शामली से पकड़ा गया है.
रोहिंग्याओं के पास से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाए गये पासपोर्ट, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किए गये हैं. नूर आलम घुसपैठ का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. वह रोहिंग्या के साथ पड़ोसी मुल्कों में हो रही ज्यादती के बारे में मस्जिदों में तकरीर देकर लोगों की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करता था.
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक नूर आलम ने कई रोहिंग्या से पैसे लेकर उनको भारत के विभिन्न इलाकों में बसाया है. एडीजी ने कहा कि देश में रोहिंग्याओं की मदद करने वालों की भी तलाश की जा रही है.
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