UP News: प्रदेश में गिरते भूगर्भ स्तर को सुधारने के साथ सरकार टिकाऊ भूजल प्रबंधन की व्यवस्था करने जा रही है. इसके लिए उसने राज्य के 826 विकासखंड में भूगर्भ जल की निगरानी की तैयारी शुरू कर दी है. जल शक्ति मिशन की भूजल योजना से बूंद-बूंद पानी की निगरानी के लिए ऑटोमैटिक पीजोमीटर (भूजल मापक यंत्र) लगाए जाएंगे.
भूजल की डिजिटल रिकॉर्डिंग कराई जाएगी
कुशल जल प्रबंधन के साथ भूजल की डिजिटल रिकॉर्डिंग कराई जाएगी. इन यंत्रों से भूगर्भ जल की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा सकेगी. अभी तक साल में दो बार लगे मैनुअल पीजोमीटर से भूजल का स्तर नापा जाता था. ऑटोमैटिक पीजोमीटर का उपयोग भूजल अध्ययन के लिए वृहद मॉनिटरिंग नेटवर्क के विकास में भी कारगर साबित होगा. बुंदेलखंड, विंध्य समेत प्रदेश के समस्त जिलों में पानी की समस्या वाले क्षेत्रों में सबसे पहले भूजल मापक यंत्र लगाए जाएंगे.
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हाल में हुई विभाग की एक बैठक में प्रदेश के जिलों में भूगर्भ जल की स्थिति की जानकारी मांगी थी. उन्होंने बैठक में भूगर्भ जल को नापने के लिए मजबूत मॉनीटरिंग सिस्टम बनाने के निर्देश भी दिये हैं.
प्रत्येक ब्लाक में लगेगा ऑटोमैटिक पीजोमीटर
जलशक्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "बदलते दौर में ऑटोमैटिक यंत्रों से भूगर्भ जल को नापने का मजबूत मॉनीटरिंग नेटवर्क खड़ा किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार प्रत्येक ब्लाक में ऑटोमैटिक पीजोमीटर लगाने जा रही है. इसकी खास बात यह है कि इनसे टेलीमेट्री के माध्यम से रीयल टाइम ग्राउंड वाटर लेवल प्राप्त हो सकेगा.
पीजोमीटर के नेटवर्क से बीते 5 वर्षों के भूजल स्तर का आकलन करना आसान हो जाएगा. इनसे प्राप्त डाटा को ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा. इससे विकास खंड के भूजल स्तर का तुलनात्मक अध्ययन हो सकेगा."
पांच सालों में प्रदेश में होंगे 7500 ऑटोमैटिक पीजोमीटर
प्रदेश सरकार की योजना अगले पांच सालों में प्रदेश में 7500 ऑटोमैटिक पीजोमीटर लगाने की है जिससे भूगर्भ जल की स्थिति नापने का मजबूत नेटवर्क स्थापित हो सके. पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी तक प्रदेश में 1365 ऑटोमैटिक पीजोमीटर लगाए गये हैं. इनकी मॉनीटरिंग के सफल परिणाम मिलने के बाद इसको सभी विकासखंडों में लगाने का निर्णय लिया गया है.
विभाग की ओर से शासन में प्रदेश में लगे 6500 मैनुअल पीजोमीटर को बदल कर उनकी जगह ऑटोमैटिक पीजोमीटर लगाने का प्रस्ताव भी भेजा हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में पीजोमीटर 25 स्क्वायर किमी क्षेत्रफल में एक लगाया जाता है. इसस भूजल स्तर की सटीक जानकारी मिलती है.