UP News: काशी में नवरात्र की तैयारियां शुरू, आर्थिक तंगी से जूझ रहे मूर्तिकारों ने लगाई मुनाफे की उम्मीद
Varanasi News: वाराणसी में नवरात्र को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. मूर्ति बना रहे मूर्तिकारों ने इस बार अच्छे व्यापार की उम्मीद जताई है. बाजार में महंगाई का असर भी देखने को मिल रहा है.
Varanasi Navratri Festival: शारदीय नवरात्र को लेकर महादेव की नगरी काशी अभी सजने लगी है. जगह-जगह दुर्गा पंडाल सजने लगे हैं. वहीं इस बार मूर्तिकार प्रतिमाओं की बिक्री कर अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद लगा रहे हैं. स्थानीय मूर्तिकारों के आलावा बंगाली मूर्तिकार यहां व्यापार करने आए हैं. धर्मनगरी काशी को लेकर कहा जाता है कि यहां पर सात वार नौ त्योहार होते हैं जिसका मतलब यहां हर दिन कोई न कोई व्रत पर्व त्यौहार का हर्षोल्लास देखा जाता है. कुछ ही सप्ताह बाद मनाए जाने वाले दुर्गा पूजा के त्योहार को लेकर भी काशी में अभी से ही तैयारी शुरू हो चुकी है.
निर्मल दास पिछले 50 साल से बना रहें मूर्ति
दुर्गा प्रतिमा बना रहे निर्मल दास ने एबीपी से बातचीत में कहा कि वे पिछले 50 सालों से गणेश, सरस्वती, दुर्गा और विश्वकर्मा की प्रतिमा बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले वे एक दिन में तकरीबन 60 से 70 प्रतिमा बनाते थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में 5 से 10 मूर्ति ही बनाई जा रही है. बंगाली टोला को दुर्गा प्रतिमा बनाने और ज्यादातर बंगाल क्षेत्र से आए लोगों के रहने की वजह से मिनी बंगाल के नाम से भी जाना जाता है.
मूर्तिकारों पर महंगाई की मार
निर्मल दास नें बताया कि बीते दो-तीन सालों से महंगाई की वजह से हमारा रोजगार खासा प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत नदियों में मूर्ति विसर्जन पर लगी रोक की वजह से अब लोग ज्यादा मूर्तियों की मांग नहीं करते हैं. पहले हमारी मूर्तियों की मांग गुजरात से लेकर जम्मू कश्मीर तक की जाती थी, लेकिन वर्तमान दौर में उत्तर प्रदेश के ही कुछ जिलों में इसकी मांग सीमित हो चुकी है. स्थिति इतनी चुनौतीपूर्ण है कि हम अपने कारीगरों और अन्य खर्चो का भी सही तरीके से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. देश में लगभग हर महीने पड़ने वाले त्यौहार की वजह से ही किसी तरह हमारा गुजर बसर हो रहा है.
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