Lakkha Faires In Varanasi: विश्व का प्राचीन शहर बनारस परंपराओं और त्योहारों का शहर भी कहा जाता है. यहां के लोगों का हर दिन कोई न कोई त्यौहार से जुड़ा हुआ होता है. इसी कड़ी में आज विश्व प्रसिद्ध चेतगंज की नक्कटैया का आयोजन किया जाएगा जिसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान है. मेले को लेकर प्रशासन ने रूट डायवर्जन से लेकर भीड़ को नियंत्रित करने से संबंधित सभी तैयारीयों को दुरुस्त कर लिया है. लक्खा मेले में प्रभु श्री राम से जुड़े जीवन लीलाओं का मंचन किया जाता है जिसे देखने के लिए बनारस सहित आसपास क्षेत्र के लोग चेतगंज क्षेत्र में उमड़ते हैं.


आज से होगा मेले का आगाज
वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध चेतगंज के नक्कटैया में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है जिसमें प्रभु श्री राम का रथ आकर्षण का केंद्र होता है. इसके अलावा रावण की बहन शूर्पणखा के नाक काटे जाने के बाद मेले का अंत होता है. इसके अलावा मेले में निकलने वाली विभिन्न झांकियां भी लोगों को काफी प्रभावित करती हैं .मेला समिति की बात कर ले तो इस बार चेतगंज के नक्कटैया में भारत की बड़ी उपलब्धि चंद्रयान-3 और विश्व की वर्तमान स्थिति को भी इन झांकियों में दर्शाया जा सकता है. लोगों के भीड़ को देखते हुए वाराणसी ट्रैफिक पुलिस द्वारा देर शाम से ही ट्रैफिक डायवर्जन कर दिया गया है. आज शाम 7:00 से लहुराबीर, चेतगंज और मलदहिया जाने वाले रोड पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.


लक्खा मेला में शामिल प्रमुख तीन मेले
वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में बनारस के इस विरासत लक्खा मेला का जिक्र किया है. दरअसल इन लक्खा मेला का इतिहास कई दशको पुराना है और यह बनारस की प्राचीन संस्कृति से जुड़ा हुआ होता है जिसमें हजारों - लाखों की संख्या में लोगों की मौजूदगी इस परम्परा का गवाह बनती है. विश्वप्रसिद्ध बनारस के इन लक्खा मेला में रथयात्रा का मेला, नाटी इमली का भारत मिलाप का मेला, बनारस के तुलसीघाट पर मनाए जाने वाले नागनथैया लीला और बनारस के घाटों पर मनाए जाने वाले देव दीपावली को भी शामिल किया गया है.


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