उत्तर प्रदेश में 37 लाख किसानों को सरकार के एक फैसले से हुआ लाभ, जानिए- कैसे मुश्किल हुई आसान
गौतमबुद्धनगर के जिला सूचना अधिकारी ने बताया, पहले साल 2016-17 में 82.58 लाख हेक्टेयर पर सिंचाई करवाई गई थी, जो पिछले 5 साल में बढ़कर अब 93.92 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है.
कहते हैं जल ही जीवन है, और सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों और फसलों को भी जल की इतनी ही जरूरत होती है. हर साल किसानों की फसलें पानी की आपूर्ति कम होने से खराब हो जाती हैं. किसानों को पानी की कमी न हो और वह अपने फसलों को सिंचाई ठीक से कर सके इसके लिए उत्तर प्रदेश में सिंचाई और जल संसाधन विभाग किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया करवा रहा है, जिससे किसानों को पानी की कमी न हो और उनकी फसल अच्छी हो सकें.
नहर का विशेष योगदान
खेती में सिंचाई के लिए नहर की भूमिका विशेष तौर पर रहती है. अब से नहीं बल्कि पहले से ही सिंचाई के लिए नहरों की भूमिका को खास माना जाता है, क्योंकि इसके जरिए जमीन में वापिस पानी जाता रहता है जिसे वाटर रिचार्ज कहते हैं. इसके साथ नहर के जरिए पशु पक्षी भी पानी का इस्तेमाल कर पाते हैं. सिंचाई करने के लिए किसान खेतों के पास तालाब या पोखर बनाते हैं जिसमें पानी भरा जाता है. नगर के इन्हीं फायदों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने नहरों के सुधार पर विशेष ध्यान दिया है.
कैसे मिल रही सिंचाई सुविधा
दरअसल प्रदेश में कुल भौगोलिक क्षेत्र 240.93 लाख हेक्टेयर है, इसमें से 188.40 लाख हेक्टेयर पर खेती हो सकती है और 165.73 लाख हेक्टेयर पर खेती होती है. अगर रबी और खरीफ की फसलों को मिलाकर बात करें तो 259.65 लाख हेक्टेयर पर फसल बोया जाता है, जिसमें किसानों को लगभग 74 हजार किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली के जरिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. अगर खास नहर की बात करें तो उनमें ऊपरी गंगा नहर, पूर्वी गंगा नहर, निचली गंगा नहर, मध्यगंगा नहर, शारदा नहर, गण्डक नहर, शारदा सहायक नहर, अपर यमुना नहर, सरयू नहर, बेतवा नहर, अपर आगरा नहर प्रमुख हैं.
बढ़ाई गई सिंचाई सुविधा
प्रदेश में पहले से सिंचाई सुविधा को बढ़ाया जा रहा है. इसकी जानकारी देते हुए गौतमबुद्धनगर के जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि पहले साल 2016-17 में 82.58 लाख हेक्टेयर पर भी सिंचाई करवाई गई थी, जो पिछले 5 साल में बढ़कर अब 93.92 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है. इसकी वजह से प्रदेश के 37.35 लाख किसानों को फायदा हुआ है.