Water Wastage Now an Offence in Pilibhit: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि ऑटोमोबाइल सर्विस स्टेशनों (Automobile Service Stations) और सार्वजनिक स्थानों पर पानी की बर्बादी (Water Wastage) को अपराध माना जाएगा. इस तरह के कदम की घोषणा करने वाला पीलीभीत राज्य का पहला जिला बन गया है. अधिकारियों ने कहा कि नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना जल्द ही तय किया जाएगा.
अधिकारी ने कही ये बात
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशासन जिले में यूकेलिप्टस के रोपण पर भी प्रतिबंध लगाएगा क्योंकि ये बड़ी मात्रा में भूजल को अवशोषित करता है. उन्होंने कहा कि, "उत्तर प्रदेश जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में पूरे देश में पहले स्थान पर है और हम अपने प्रयासों को जारी रखना चाहते हैं." उन्होंने आगे कहा कि जिले में ऑटोमोबाइल सर्विस स्टेशनों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिसमें उनके लिए पानी की बर्बादी को रोकने के लिए आदेश जारी किए गए हैं, जिसका उपयोग वो प्रतिदिन कारों और बाइक की सफाई के लिए बड़ी मात्रा में करते हैं.
बर्बाद होता है पानी
एनजीओ वाइल्ड लाइफ बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसाइटी के उपाध्यक्ष अमिताभ अग्निहोत्री ने कहा कि, "एक एकल ऑटोमोबाइल सर्विस स्टेशन एक दिन में 10,000-12,000 लीटर पानी का उपयोग करता है. इसमें से अधिकांश पानी भूजल है, जो पीने योग्य है, इसकी राज्य को तत्काल आवश्यकता है." किसी भी नए सर्विस स्टेशन की स्थापना के लिए भी अब लघु सिंचाई विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता होगी.
जन जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने की है योजना
सार्वजनिक स्थानों पर, प्रशासन की योजना टूटी हुई पानी की पाइपलाइनों और ओवरफ्लो होने वाले नलों जैसे मुद्दों पर भी जांच करने की है. इतना ही नहीं प्रशासन यूकेलिप्टस की जगह दूसरे पेड़ लगाने का विकल्प चुनने के लिए किसानों के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना बना रहा है. सीडीओ ने कहा कि भूजल के संरक्षण के लिए धान की खेती पर प्रतिबंध को और सख्त किया जाएगा.
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