लखनऊ. जैविक खेती प्रदेश के करोड़ों किसानों की समृद्धि का आधार बनेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा प्रदेश को जैविक खेती का हब बनाने की है. इसके लिए पहले चरण में प्रदेश के 63 जिलों के 68 हजार हेक्टेयर रकबे में जैविक फसलें लहलहाएंगी. गंगा की अविरलता और निर्मलता के मद्देनजर इसके किनारे के सभी जिलों को इसमें शामिल किया गया है. जिन जिलों को जैविक खेती के लिए चुना गया है उनमें 36 जिले परंपरागत कृषि जिले हैं और 27 जिले नमामि गंगे परियोजना में शामिल हैं. खेती नियोजित रूप से हो, इसकी बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग हो इसके लिए सरकार का एप्रोच क्लस्टर खेती का होगा। हर क्लस्टर 50 एकड़ का होगा.


सरकार देगी 10 लाख का अनुदान
खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार तीन साल में प्रति क्लस्टर 10 लाख रुपये का अनुदान भी देगी. इसमें से 3,30,000-3,30,000 रुपये पहले और तीसरे साल मिलेंगे. बीच के वर्ष में यह अनुदान 3,40,000 रुपये का होगा. देय राशि में से 38 फीसद क्लस्टर के गठन, किसानों की क्षमता बढ़ाने, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग आदि पर खर्च होगा.


किसानों का होगा विजिट
जैविक खेती का तौर-तरीका इसमें प्रयुक्त होने वाले कृषि निवेशों के बारे में जागरूकता के लिए क्लस्टर में शामिल किसानों को जैविक खेती के क्षेत्रों पर विजिट कराया जाएगा. विजिट के बाद उनको खेत की तैयारी, हरी खाद का प्रबंधन, नर्सरी की तैयारी, पंचगव्य, जीवामृत, वर्मी कंपोस्ट, जैविक तरीके से कीटों और रोगों के प्रबंधन और वैल्यू एडीशन के लिए किसानों को उत्पाद की सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लेवलिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. सरकार की योजना सभी मंडल मुख्यालयों पर जैविक मंडी खोलने की भी है.


परंपरागत कृषि योजना में शामिल जिले
झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, मीरजापुर, गोरखपुर, पीलीभीत, गोंडा, आगरा, मथुरा, वाराणसी, कौशांबी, फतेहपुर, देवरिया, फरुखार्बाद, उन्नाव, रायबरेली, बहराईच, बाराबंकी, श्रावस्ती, फैजाबाद, कानपुर देहात, आजमगढ़, सुल्तानपुर,कानपुर नगर, फिरोजाबाद, बदांयू, अमरोहा, बिजनौर, चंदौली, सोनभद्र, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर.


नमामि गंगे योजना में शामिल जिले
चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, मीरजापुर, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, कानुपर नगर, कन्नौज, अलीगढ़, अमरोहा, संभल, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फनगर, बलिया, गाजीपुर, कौशांबी, उन्नाव, फरुखार्बाद, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, कासगंज, बुलंदशहर और बिजनौर.


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