UP DGP: उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन में बड़े फेरबदल और तमाम तबादलों के बाद अब प्रदेश में स्थायी डीजीपी (DGP) के लेकर कवायद तेज हो गई हैं. जल्द ही यूपी को नया डीजीपी मिल सकता है. वर्तमान समय में यूपी में पुलिस महानिदेशक का पद डॉ डीएस चौहान (Dr DS Chauhan) संभाल रहे हैं, लेकिन इसी महीने की 31 तारीख को वो रिटायर होने जा रहे हैं. ऐसे में अगर उन्हें स्थानी डीजीपी के तौर पर नियुक्ति मिलती है तो उनके कार्यकाल में बढ़ोतरी हो सकती है. 


पिछले साल 11 मई 2022 को पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद डीजी इंटेलिजेंस और विजिलेंस डॉ. डीएस चौहान को उनकी जगह पर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था. तभी से वो तीनों पदों का कार्यभार संभाल रहे थे. ऐसे में अगर उन्हें अब स्थायी डीजीपी की नियुक्ति मिलती है तो उनके कार्यकाल को और बढ़ाया जा सकता है लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो वो इसी महीने 31 मार्च को रिटायर हो जाएंगे.


नए डीजीपी की रेस में शामिल ये नाम


उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी की रेस में 1988 बैच के पांच अफसरों का नाम सबसे आगे चल रहा है. अनुभव के आधार पर देखा जाए तो डीजी जेल आनंद कुमार और सीबीसीआईडी विजय कुमार का नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा है. खबरों की माने तो यूपी के स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए प्रदेश के वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों का पैनल यूपीएससी को भेजने तैयारी की जा रही है. प्रक्रिया के मुताबिक आयोग को भेजे जाने वाले तीन नामों में से किसी एक को प्रदेश सरकार नया स्थायी डीजीपी नियुक्त कर सकती है. 


जानिए कौन है सबसे मजबूत दावेदार


सूत्रों की मानें तो नए डीजीपी का चयन 1988 बैच के आईपीएस अफसरों के बीच में से ही किया जाएगा. इनमें जो पांच नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें डीएस चौहान के अलावा, आनंद कुमार, विजय कुमार, अनिल कुमार अग्रवाल और डॉ राजकुमार विश्वकर्मा के नाम शामिल हैं. इनमें से अनिल कुमार अग्रवाल और डॉ राजकुमार विश्वकर्मा मई महीने में सेवानिवृत हो रहे हैं ऐसे में नए डीजीपी पद के लिए आनंद कुमार और विजय कुमार की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. 


आपको बता दें कि पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, इस मुलाकात को भी नए डीजीपी के चयन से जोड़कर देखा जा रहा है.


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