Uttarakhand News: उत्तराखंड और यूपी के एक बड़े हिस्से को रोशन करने और लाखों लोगों की प्यास बुझाने के लिए जल्द उत्तराखंड (Uttarakhand) के दस गांव 'जलसमाधि' लेने जा रहे हैं. जमरानी बांध परियोजना (Jamrani Dam Project) और सॉन्ग ड्रिंकिंग वाटर परियोजना (Song Drinking Water Project) के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल गई है. इससे कई शहरों को पानी मिलेगा, वहीं बिजली का उत्पादन भी होगा.

 

10 गांव देंगे अपनी कुर्बानी

उत्तराखंड के गांवों ने विकास के नाम पर कई बार अपने अस्तित्व की कुर्बानी दी है और जल्द ही एक बार फिर यहां के दस गांव एक बार फिर से जलसमाधि लेने जा रहे हैं ताकि दूसरों के घरों में रोशनी हो सके और लोगों की प्यास बुझाई जा सके. केन्द्र सरकार के द्वार प्रदेश में दो बड़ी परियोजनाओं को हरी झंडी मिल गई है, हल्द्वानी और देहरादून शहर में ये दो बड़े प्रोजेक्ट बनने हैं. आइए आपको इन परियोजनाओं को लेकर पूरी जानकारी देते हैं. 

 

जमरानी बांध परियोजना


जमरानी बांध परियोजना से हल्द्वानी शहर को 117 एमएलडी पानी मिलेगा. इसके साथ ही यहां पर 14 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा. इस बांध के जरिए 55 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी, जिससे कृषि को लाभ मिलेगा. सिंचाई का ज्यादातर हिस्सा उत्तर प्रदेश का है जबकि उत्तराखंड में 10 हजार हेक्टर जमीन की सिंचाई हो सकेगी.
  जमरानी बांध परियोजना, यूपी और उत्तराखंड को सिंचाई के लिए पानी देगी. इसके साथ ही हल्द्वानी शहर को पेयजल की समस्या से निजात दिलाएगी.

 


देहरादून सॉन्ग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट

दूसरी बड़ी परियोजना देहरादून शहर के लिए है. देहरादून में सॉन्ग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट पर काम होना है. जिससे शहर को बड़े स्तर पर पीने का पानी मिलेगा, वहीं ट्यूबेल पर आत्मनिर्भरता कम होने से विद्युत खपत में भी फायदा मिलेगा. इस परियोजना से शहर को 150 एमएलडी पीने का पानी मिलेगा और ट्यूबवेल पर आत्मनिर्भरता कम हो जाएगा. इसके साथ ही विद्युत खपत में भी फायदा मिलेगा और वातावरण भी अच्छा रहेगा. इस परियोजना के बारे में बताते हुए सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन ने कहा कि बिजली, पीने के पानी और सिंचाई के लिए इन दो प्रोजेक्ट से बहुत बड़ा लाभ आने वाले समय में देखने को मिलेगा. इस विकास में हल्द्वानी शहर के 6 और टिहरी एक व देहरादून के तीन गांव अपनी जलसमाधि देंगे. 


 

हल्द्वानी शहर में इन गांवों की जलसमाधि 

 

इन परियोजनाओं के लिए हल्द्वानी के जो गांव जलसमाधि लेने जा रहे हैं उनके नाम है तिलवाड़ी गांव, जिसमें 218 परिवार रहते हैं, मुरकुडिया, जिसमें 486 परिवार रहते हैं, उडावा, जिसमें 193 परिवार रहते हैं, गनराड, जिसमें 126 परिवार रहते हैं, पनियाबोर, जिसमें 92 परिवार रहते हैं और पस्तोला, जिसमें 208 परिवार रहते हैं. 

 

सॉन्ग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट में इन गांवों की जलसमाधि 

वहीं दूसरी तरफ देहरादून के सॉन्ग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट के तहत एक गांव देहरादून जिले और तीन टिहरी जिले के गांव जलमग्न हो जाएंगे. देहरादून जिले में पलेद गांव जलमग्न हो जाएगा, टिहरी जिले में घुर्सालगांव, सौंधना और रागडगांव जलमग्न हो जाएंगा. 

 

सीएम पुष्कर ने दिए निर्देश

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विकास कार्यों की वजह से जिन गांवों की कुर्बानी दी जा रही है, उनके विस्थापन में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. सीएम धामी ने कहा कि विकास होना चाहिए लेकिन विस्थापन में लोगों को कोई दिक्कत न आये इसपर सरकार काम कर रही है. 

हाल ही में 120 मेगावाट बिजली परियोजना के लिए देहरादून के लोहारी गांव की जलसमाधि हुई और अब ऐसे ही बहुत जल्द दस गांव जलसमाधि लेने जा रहे हैं. 


 

गांव की कुर्बानी से होगी कई घरों में रोशनी

विकास के लिए उत्तराखंड के गांवों ने हमेशा ही अपनी कुर्बानी दी है. ऐसे में विभागों द्वारा उनके विस्थापन की सही व्यवस्था सुनिश्चित तो होनी ही चाहिए. हल्द्वानी और देहरादून शहर में बनने जा रहे ये दो बड़े प्रोजेक्ट सिंचाई, विद्युत और पीने के पानी में मील का पत्थर साबित होंगे, जो कई घरों को रोशन करेंगे, सिंचाई के लिए पानी देंगे और पीने की पानी की किल्लत दूर करेंगे. 

 

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