Uttarakhand Election 2022: बीजेपी-कांग्रेस से बगावत करने वाले ये नेता बिगाड़ सकते हैं चुनावी गणित, इन सीटों पर होगी दिक्कत
Uttarakhand Elections: बीजेपी के 15 ऐसे नेता हैं जो बगावत करके चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं कांग्रेस के 7 बागी अभी भी चुनावी मैदान में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में इस बार अपनी पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ रहे कई नेता बीजेपी और कांग्रेस का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं. दोनों ही पार्टियों के दिग्गज लंबी जद्दोजहद के बाद भी कई बागियों को मनाने में नाकामयाब रहे. जिन बागी नेताओं को पार्टी नहीं मना पाई ये पार्टी के प्रत्याशी की मुश्किल बढ़ा सकते हैं. इसमें बीजेपी के 15 ऐसे नेता हैं जो बगावत करके चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं कांग्रेस के 7 बागी अभी भी चुनावी मैदान में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही पार्टी के 22 नेता ऐसे हैं जो टिकट न मिलने की वजह से बगावत करके चुनावी मैदान में हैं. इन नेताओं को मनाने में पार्टी के छक्के छूट गए. मनाने में बीजेपी और कांग्रेस कामयाब नहीं हो पाईं.
बीजेपी ने की मनाने की कोशिश
डैमेज कंट्रोल को कम करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारा. सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री बागी नेताओं के घर-घर पहुंचे लेकिन बागी नेताओं के तेवर कम नहीं हुए. बीजेपी ने अपने सभी पांचों सांसदों को उनकी संसदीय क्षेत्र की विधानसभा में बागी नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी कहा गया कि वे बगावत कर रहे नेताओं को मनाने में जुटें. अधिकांश सीटों पर इन नेताओं को सफलता नहीं मिली.
मनाने में कांग्रेस बीजेपी से आगे
कांग्रेस ने भी अपने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं को बागियों को मनाने की जिम्मेदारी दी. हालांकि कांग्रेस अपने बागी नेताओं को मनाने में बीजेपी से आगे निकलती नजर आई और अधिकांश नेताओं को मनाने में कामयाब रही. जानकारी के मुताबिक बीजेपी 20 में से सिर्फ 5 बागियों को ही मनाने में कामयाब हो पाई और कांग्रेस 15 बागियों में से 8 नेताओं को मनाने में सफल रही. अब तक 15 ऐसे नेता हैं जो बीजेपी से बागी होकर चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस के सात नेता बगावत करके चुनाव लड़ रहे हैं.
इन सीटों पर हो सकती है दिक्कत
बीजेपी की 15 ऐसी सीटें हैं जहां उनके अपने नेता पार्टी से बगावत करके चुनाव लड़ रहे हैं, जिनको मनाने में भाजपा कामयाब नहीं हो सकी.
-डोईवाला से जितेंद्र नेगी
-धर्मपुर से वीर सिंह पवार
-देहरादून कैंट से दिनेश रावत
-धनोल्टी से महावीर रामगढ़
-घनसाली से दर्शन लाल
-कोटद्वार से धीरेंद्र सिंह चौहान
-कर्णप्रयाग-टीकाराम मैखुरी
-रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल
-किच्छा से अजय तिवारी
-रानीखेत से दीपक करगेती
-लालकुआं -पवन चौहान और कुंदन मेहता
-भीमताल -लाखन सिंह नेगी और मनोज शाह
-रुड़की से नितिन शर्मा
कांग्रेस को इन सीटों पर हो सकती है मुश्किल
-घनसाली -भीम लाल आर्य
-यमुनोत्री -अजय डोभाल
-रुद्रप्रयाग -मातबर सिंह कंडारी
-लाल कुआं संध्या डालाकोटी
-बागेश्वर बालकृष्ण और भैरवनाथ
-रामनगर से संजय नेगी
ये भी पढ़ें: