उत्तराखंड की 160 डीजल बसों की दिल्ली में नो एंट्री, यात्रियों की बढ़ेगी मुश्किलें
Uttarakhand News: दिल्ली में ग्रैप-2 के नियमों में बदलाव के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम की डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को ही एंट्री.
Uttarakhand Transport Corporation: दिल्ली सरकार द्वारा ग्रैप-2 नियमों में बदलाव के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम की डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. नई व्यवस्था के अनुसार, अब केवल बीएस-6 मानक की सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी. इस फैसले से उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 160 साधारण डीजल बसों का संचालन बाधित हो गया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत सख्ती बढ़ा दी गई है. दिल्ली सरकार ने हाल ही में ग्रैप-2 नियमों के अंतर्गत पुरानी डीजल बसों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. इसके तहत केवल अत्याधुनिक बीएस-6 सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. हालांकि, बीएस-4 मानक की वोल्वो बसों को अभी छूट दी गई है, क्योंकि इनसे अपेक्षाकृत कम कार्बन उत्सर्जन होता है.
उत्तराखंड से दिल्ली की विभिन्न रूटों पर रोजाना 160 डीजल बसें चलती है
उत्तराखंड परिवहन निगम की 160 डीजल बसें प्रतिदिन दिल्ली के विभिन्न रूटों पर संचालित होती हैं. इनमें देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और कुमाऊं के कई अन्य शहरों से आने-जाने वाली बसें शामिल हैं. इन बसों का संचालन रुकने से बड़ी संख्या में दैनिक यात्रियों और नियमित यात्रियों को भारी असुविधा होगी. खासकर नौकरीपेशा लोग, छात्र और व्यापारियों के लिए यह स्थिति गंभीर बन सकती है.
दिल्ली रूट पर उत्तराखंड परिवहन की डीजल बसों का संचालन बंद
सोमवार को दिल्ली परिवहन विभाग और पुलिस ने उत्तराखंड परिवहन निगम की चार साधारण बसों के चालान काटे. इसके बाद निगम ने दिल्ली रूट पर चल रही सभी पुरानी डीजल बसों का संचालन बंद कर दिया. परिवहन निगम अधिकारियों के अनुसार, अब केवल वोल्वो जैसी बीएस-4 मानक की कुछ बसें ही दिल्ली भेजी जा रही हैं, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है, जिससे यात्रियों को पर्याप्त विकल्प नहीं मिल पा रहे हैं.
इस फैसले से उत्तराखंड परिवहन को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान
उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि अचानक लिए गए इस फैसले से निगम की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ेगा. दिल्ली रूट से निगम को प्रतिदिन लाखों रुपये की आय होती है. यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो यात्रियों के साथ-साथ परिवहन निगम को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों को लेकर काम चल रहा है- परिवहन निगम महाप्रबंधक दीपक जैन
परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि निगम नई सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की योजना पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा, “दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नियमों का पालन करना हमारी प्राथमिकता है, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए भी हमें समाधान निकालना होगा. फिलहाल, निगम वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार कर रहा है.” यात्रियों ने इस फैसले पर चिंता जताई है. देहरादून से दिल्ली रोजाना यात्रा करने वाले अनिल कुमार ने कहा, “अब हमें यात्रा के लिए प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना होगा, जिससे समय और पैसे दोनों का नुकसान होगा. निगम को जल्द से जल्द नई बसों का संचालन शुरू करना चाहिए.”
उत्तराखंड सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए
दिल्ली सरकार के सख्त नियमों और उत्तराखंड परिवहन निगम की सीमित संसाधनों के बीच यात्रियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. आने वाले दिनों में त्योहारी सीजन और बढ़ती सर्दियों के मद्देनजर यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना है. ऐसे में निगम को जल्द से जल्द नई बसों का प्रबंध करना होगा ताकि यात्रियों को राहत मिल सके और निगम की आय पर भी असर न पड़े.
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