Uttarakhand News: उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) और राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक बाघों का दीदार करने आते हैं. उत्तराखंड में बाघों की संख्या इस वक्त 500 से ज्यादा है. इनमें से सबसे ज्यादा बाघ कॉर्बेट नेशनल पार्क में हैं. यहां बाघों की संख्या 300 के आसपास बताई जाती है.


बाघ को देखने दूर-दराज से पहुंचते हैं टूरिस्ट 
कॉर्बेट नेशनल पार्क में ढिकाला, बिजरानी, पाखरो, ढेला, झिरना के साथ फॉरेस्ट डिविजन में फाटो, एवं सीताबानी जॉन है. जहां इन बाघों के दीदार बड़ी आसानी से हो जाते हैं. जिन्हें देखने लाखों पर्यटक देश और विदेश से यहां पर पहुंचते हैं. उत्तराखंड में जो बाघ पाया जाता है उसे बंगाल टाइगर कहा जाता है.


सड़कों पर वॉक करते दिखते हैं बाघ 
जब टाइगर जंगल में रॉयल वॉक करता है. उसे देखना अपने आप में एक शानदार नजारा होता है. एक टाइगर की जिंदगी 10 से 18 साल के आसपास होती है और उनकी टेरिटरी (क्षेत्र) लगभग 21 किलोमीटर की होती है. कॉर्बेट पार्क में यह टेरिटरी मात्र 5 किलोमीटर की है क्योंकि यहां पर बाघों की संख्या काफी संख्या में है और इसका क्षेत्रफल काफी कम है इसलिए यहां बाघ काफी आसानी से दिखाई देते हैं.


अगर आप उत्तराखंड घूमने जाने की सोच रहे हैं तो एक बार इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए जरूर जाएं. वैसे भी दुनिया में बाघों की संख्या काफी कम बची है. उनमें से भी अधिकांश बाघ भारत में पाए जाते हैं. भारत में 50 के करीब नेशनल पार्क है जहां पर टाइगर रिजर्व में टाइगर्स के कंजर्वेशन के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं. अभी भारत में इनकी संख्या 3000 के आसपास है जिसे दुगना करना भारत सरकार की प्राथमिकता है हर 4 साल में इन बाघों की गिनती का आंकड़ा सामने लाया जाता है.


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