Uttarakhand News: उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं, जिसमें गढ़वाल मंडल की तुलना में कुमाऊं मंडल में पर्यटकों की संख्या कम दर्ज की गई है. हाल ही में जारी पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में राज्य में कुल 5.96 करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु आए, जिनमें से अधिकांश गढ़वाल मंडल में पहुंचे. 


गढ़वाल मंडल के प्रमुख धार्मिक स्थलों, विशेषकर चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में 2023-24 में 56 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. इस साल अब तक यह संख्या 35 लाख तक पहुंच गई है, जो कि राज्य की धार्मिक पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है. गढ़वाल मंडल में कुल 5.39 करोड़ पर्यटक आए, जबकि कुमाऊं मंडल में केवल 57 लाख पर्यटक पहुंचे.


3.70 करोड़ पर्यटक आए
गढ़वाल मंडल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में हरिद्वार सबसे आगे रहा, जहां 3.70 करोड़ पर्यटक आए. इसके अलावा, देहरादून में 86 लाख, टिहरी में 37 लाख, रुद्रप्रयाग में 23 लाख, चमोली में 28 लाख और उत्तरकाशी में 16 लाख पर्यटकों ने दौरा किया. गढ़वाल में तीर्थाटन के साथ-साथ एडवेंचर और नेचर टूरिज्म भी खूब फल-फूल रहा है, जिससे स्थानीय कारोबार में तेजी आई है और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं.


कुमाऊं मंडल में नैनीताल, जो कि प्रमुख पर्यटक स्थल है, में 12.90 लाख पर्यटक आए. इसके अलावा, अल्मोड़ा में 3.63 लाख, पिथौरागढ़ में 1.27 लाख, बागेश्वर में 82 हजार, चंपावत में 2.27 लाख और ऊधमसिंहनगर में 2.50 लाख पर्यटक पहुंचे. 


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बेहतर पर्यटन सुविधाओं की उपलब्धता
पर्यटकों की संख्या में यह असमानता मुख्य रूप से गढ़वाल मंडल में धार्मिक स्थलों की प्रमुखता और बेहतर पर्यटन सुविधाओं की उपलब्धता के कारण है. इसके अलावा, गढ़वाल में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ प्राकृतिक पर्यटन भी अधिक विकसित है. वहीं, कुमाऊं मंडल में नैनीताल और कुछ अन्य पर्वतीय स्थलों के बावजूद, पर्यटन में अपेक्षाकृत कम संख्या दर्ज की गई है.


इस असमानता के बावजूद, पर्यटन विभाग कुमाऊं मंडल में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रहा है, जिससे वहां भी पर्यटकों की संख्या बढ़ाई जा सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल मिल सके.