Haridwar News: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले स्थित ज्वालापुर क्षेत्र में 'मुस्लिम फंड' (Muslim Fund) के नाम से चलाई जा रही एक चिट फंड कंपनी का संचालक हजारों लोगों की करोडों रुपये की गाढ़ी कमाई लेकर कथित तौर पर चंपत हो गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. चिट फंड कंपनी के संचालक के भागने की खबर फ़ैलते ही निवेशकों मे हड़कंप मच गया और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सैंकड़ों लोग कोतवाली पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई. धोखाधड़ी के आरोप में फरार आरोपी के खिलाफ हरिद्वार पुलिस (Haridwar Police) ने देर शाम गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ़्तारी के प्रयास शुरू कर दिये.


हरिद्वार के नगर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार ने बताया कि ज्वालापुर क्षेत्र का ग्राम सराय निवासी अब्दुल रज्जाक बीते कई सालों से 'मुस्लिम फंड' के नाम पर लोगों से रुपये जमा करवाता आ रहा था जिसके लिए उसने 'कबीर म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड' के नाम से कार्यालय भी खोल रखा था. इसके लिए कई लोग पैसा इकटठा करने का काम करते थे.


रज्जाक ने इस बात का फायदा उठाया
हालांकि, रविवार सुबह लोगों को पता चला कि अब्दुल रज्जाक अपने कार्यालय और घर पर ताला जड़कर फरार हो गया है जिसके बाद पीडि़त कोतवाली पहुंचे और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. बताया जा रहा है कि आरोपी ने लोगों से 'मुस्लिम फंड' के नाम पर करोड़ों रुपये जमा करवाए. माना जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में ब्याज का पैसा हराम माने जाने के कारण कई मुसलमान बैंकों में अपना पैसा जमा नहीं करते और रज्जाक ने इसी बात का फायदा उठाया.


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पुलिस अधिकारी ने बताया कि रज्जाक ने बाकायदा बैंक की तरह लोगों में पासबुक भी बांट रखी थी जिसमें इसके लिए काम करने वाले लोग पैसा लेने के बाद उसमें एंट्री दर्ज करते थे. पिछले कुछ दिनों से वह या उसका कोई एजेंट लोगों से रुपये जमा कराने नहीं पहुंचा तो लोगों को शक हुआ जिसके बाद कुछ लोग उसके कार्यालय व घर पहुंचे तो दोनों जगह ताले जड़े मिले. जानकारी के अनुसार ज्वालापुर और आसपास के मुस्लिम बहुल गांवों में रहने वाले 22 हजार लोगों ने उसके पास खाते खुलवाए थे जिनकी 10 हजार से लेकर 50 हजार तक की रकम उसके पास जमा थी.


चल-अचल संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है
नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कोतवाली ज्वालापुर में भारतीय दंड विधान की धाराओं 406, 420 में मुकदमा पंजीकृत कर उसकी तलाश की जा रही है. इसके अलावा, अब्दुल रज़्ज़ाक़ व मुस्लिम फंड के बैंक ऑफ बड़ौदा एवं इंडियन ओवरसीज़ बैंक खातों को फ़्रीज़ करा दिया गया है और उसकी चल-अचल संपत्तियों का भी पता लगाया जा रहा है.