Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में एक और परीक्षा नकल की भेंट चढ़ गई है, लोक सेवा आयोग की पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के बाद अब एई और जेईई  की परीक्षा में भी गड़बड़ी की बात सामने आ गई है. एसआईटी की जांच के बाद यह खुलासा हुआ है और 9 लोगों के खिलाफ हरिद्वार के कनखल थाने में नामजद मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में जेईई और एई की परीक्षा में जांच के आदेश दिए थे,, लेकिन गंभीर सवाल यह है कि इसमें बीजेपी के एक पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल का भी नाम सामने आया है जिसको लेकर सियासत गरमा गई है.


उत्तराखंड में परीक्षाओं में धांधली का खेल अभी भी जारी है, नकल माफिया बेखौफ होकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. पहले ही उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की परीक्षाओं में धांधली से हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है. अब लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पेपर लीक और नकल की बात सामने आने से युवा परेशान है. 


बीजेपी नेता समेत 9 पर मुकदमा दर्ज
लोक सेवा आयोग की पटवारी परीक्षा से पहले ही आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे थे, लेकिन अब जेईई और एई की परीक्षा में हुई धांधली ने आयोग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. 2022 में हुई इस परीक्षा में शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद एसआईटी ने जांच की और नकल और पेपर लीक की बात सामने आई. इसके बाद एसआईटी ने हरिद्वार के कनखल में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है.


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड में किसी परीक्षा में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उसकी हर कीमत पर जांच कराई जाएगी. सीएम का कहना है कि परीक्षाओं में जो भी पुराना कैंसर लगा है, उसको साफ करके ही दम लेंगे।


उधर इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाने लगी है, क्योंकि हरिद्वार कनखल में इस मामले को लेकर जिन 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है, उनमें एक बीजेपी का पूर्व मंडल अध्यक्ष  संजय धारीवाल भी है. संजय धारीवाल को हाल ही में बीजेपी ने मंगलौर ग्रामीण से मंडल अध्यक्ष बनाया था, हालांकि पार्टी को यह भनक लगने के बाद कि संजय धारीवाल कुछ मामलों में आरोपी है उसके बाद ही इस्तीफा ले लिया गया था.


संजय धारीवाल मंडल अध्यक्ष के पद से 23 जनवरी को इस्तीफा दे चुका है, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर सवाल खड़े कर दिए हैं कांग्रेस का साफ आरोप है कि कांग्रेस को जो संदेह था, वह पुख्ता हो गया है कि बीजेपी के लोग ऐसे मामलों में संलिप्त हैं. उधर बीजेपी का साफ कहना है कि बीजेपी पहले ही इस मंडल अध्यक्ष से इस्तीफा ले चुकी है और और बीजेपी सरकार की स्पष्ट नीति है कि भ्रष्टाचार में जो भी संलिप्त होगा, उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी का कितना भी बड़ा नेता क्यों ना हो.


यह भी पढ़ें:-


UP MLC Elections Result: एमएलसी चुनाव में सपा की हार के बाद अखिलेश यादव की पहली प्रतिक्रिया, इन्हें बताया जिम्मेदार