Uttarakhand News: उत्तराखंड के 948 गांवों में जगी मोबाइल नेटवर्क की उम्मीद, भारत सरकार की इस पहल से बज उठेगी घंटी
Uttarakhand News: चिंता की बात ये है कि जहां देश में 5जी नेटवर्क पहुंच गया है वहीं उत्तराखंड में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गांवों में आज भी नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है.
Uttarakhand News: दुनियाभर में मोबाइल लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है. वर्तमान स्थिति यह है कि आज के युवा अधिकतर समय मोबाइल पर बिताते हैं. आज के इस दौर में लगभग कोई ऐसा व्यक्ति बचा है जिसके पास मोबाइल फोन न हो, लेकिन उत्तराखंड के एक या दो नहीं, बल्कि करीब 948 गांव ऐसे है जहां मोबाइल कनेक्टिविटी मौजूद नहीं है या फिर यू कहे कि देश के आजादी के 75 साल और उत्तराखंड राज्य गठन के 23 साल के बाद भी प्रदेश के सैकड़ों गांवों में आज तक मोबाइल की घंटी नहीं बजती. लेकिन अब भारत सरकार की पहल के बाद इन गावों में 4जी की सुविधा की उम्मीद जगी है.
देश भर में 5जी का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि उत्तराखंड राज्य के वो तमाम गांव जो सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है बावजूद इसके इन गावों में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की कोई सुविधा नहीं है. यही आज भी ये गांव 90 दशक की तरह ही जीवन जीने को मजबूर हैं, लेकिन भारत सरकार की 4जी सेचुरेशन स्कीम के तहत अब आस जागी है कि अगले कुछ सालों में इन गावों के लोग भी देश दुनिया से जुड़ सकेंगे. साथ ही सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र से सूचना का आदान प्रदान आसानी से हो सकेगा.
सेचुरेशन स्कीम के तहत पहुंचेगा नेटवर्क
प्रदेश के सीमांत गावों में नेटवर्क कनेक्टिविटी के सवाल पर आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि हाल ही में जो 4जी की सेचुरेशन स्कीम शुरू हुई थी, उस दौरान 1244 गावों की लिस्ट भेजी गई थी. इसके बाद 948 गावों की लिस्ट भेजी गई थी. हालांकि 948 गांव ऐसे है जहां कोई भी नेटवर्क उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इन गांवों में 4जी सुविधा देने के लिए एग्रीमेंट कर दिया है. हालांकि, आईटीडीए की ओर से जो पहले 1244 की लिस्ट भेजी गई थी उस पर बीएसएनएल ने काम शुरू कर दिया है. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही इसका काम पूरा हो जाएगा.
नितिका खंडेलवाल ने कहा, जैसे ही 1244 गावों में 4जी की सुविधा का काम पूरा हो जाएगा. उसके बाद अगले एक साल के भीतर 948 गावों पर भी काम शुरू हो जाएगा. प्रदेश में करीब 186 गांव ऐसे बचे हुए है जहा पर अभी भी 2जी और 3जी का ही नेटवर्क उपलब्ध है और ये गांव भी 4जी सेचुरेशन में सेलेक्ट हो गए है. कुल मिलाकर आने वाले समय में इन सभी गांवों में 4जी की सुविधा मिलेगी क्योंकि भारत सरकार ने 4जी सेचुरेशन के तहत सभी गावों में 4जी की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए स्कीम में शामिल किया गया है.
देश के 2800 गांवों में आज भी 2जी और 3जी नेटवर्क उपलब्ध
देश भर में करीब 2800 गांव ऐसे है जहां पर अभी भी 2जी और 3जी का ही नेटवर्क उपलब्ध है. ऐसे में इन सभी गांवों में 4जी की सेवा दिए जाने पर काम चल रहा है. हालांकि, इसके लिए केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने बजट जारी कर दिया है. इन गावों में बीएसएनएल के जरिए नेटवर्क को अपग्रेड किया जाएगा. हालांकि, बड़ी बात यह है कि इन सभी गांवों में से 1581 गांव अकेले उत्तराखंड राज्य के है. साथ ही केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि उत्तराखंड के ये सभी गांव सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, लिहाजा इन गावों में भारत की 4जी, 5जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि कोई भी साइबर अटैक न कर सके.
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