Dehradun Air Pollution: देहरादून में हवा की गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाले आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी और अगस्त में हवा की स्थिति में बड़ा अंतर देखने को मिला है. जनवरी 2024 में शहर की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में रही, जबकि अगस्त का महीना हवा की गुणवत्ता के मामले में सबसे बेहतर रहा. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के मानकों के अनुसार, हवा की गुणवत्ता को छह श्रेणियों में बांटा जाता है- अच्छा, संतोषजनक, औसत, खराब, बहुत खराब, और गंभीर.


जनवरी में 11 दिन हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, और 10 दिन 'खराब' श्रेणी में रही. इसके अलावा, 9 दिन हवा की गुणवत्ता 'औसत' श्रेणी में रही और केवल 1 दिन हवा की स्थिति 'संतोषजनक' रही. इस महीने की हवा की गुणवत्ता ख़राब होने की वजह से देहरादून के निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिनमें ख़ासतौर से बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे. 


अगस्त-सितंबर में हवा की गुणवत्ता में सुधार
अगस्त के महीने में देहरादून की हवा की गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखा गया. पूरे महीने में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अच्छे वाली श्रेणी में दर्ज किया गया. इस महीने के दौरान हुई बारिश ने वातावरण में नमी बढ़ाई और हवा में मौजूद धूल और अन्य प्रदूषकों को कम किया। इसके चलते शहर की हवा साफ रही और नागरिकों को सांस लेने में कोई विशेष कठिनाई नहीं हुई.


राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार, जनवरी के महीने में शुष्क मौसम और नमी की कमी के कारण हवा में धूल और अन्य प्रदूषक अधिक फैलते हैं। वहीं, अगस्त और सितंबर में हुई बारिश ने हवा को साफ रखने में मदद की. बारिश के चलते वातावरण में नमी बढ़ी, जिससे हवा में धूल कम उड़ी और प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई.


सितंबर महीने में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी गई, जब 25 दिन हवा की गुणवत्ता अच्छे की श्रेणी में दर्ज की गई और 5 दिन संतोषजनक श्रेणी में रही. यह इस बात का संकेत है कि मॉनसून के दौरान हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होता है.


देहरादून जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बना हुआ है. शुष्क मौसम के दौरान हवा की खराब गुणवत्ता का मुख्य कारण औद्योगिक गतिविधियाँ, निर्माण कार्य, और बढ़ता यातायात है. वहीं, मॉनसून के महीने में बारिश प्रदूषण को नियंत्रण में रखने में मदद करती है. पीसीबी के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है, जिसमें अधिक हरियाली, सख्त प्रदूषण नियंत्रण नीतियाँ और जागरूकता अभियान शामिल हैं.


समग्र रूप से, 2024 में देहरादून के लिए जनवरी का महीना सबसे खराब रहा, जबकि अगस्त और सितंबर हवा की गुणवत्ता के लिहाज से सबसे बेहतर महीने साबित हुए. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.


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