देहरादूनः अंतर धार्मिक विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि दिए जाने को लेकर बीजेपी की त्रिवेंद्र सरकार के भीतर ही सवाल खड़े होने लगे है. यह मामला हाल ही में इसलिए भी चर्चा में आया, विगत 18 नवम्बर को टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्ड़ियाल ने एक पत्र जारी किया जिसमें अंतर जातीय विवाह करने पर समाज कल्याण विभाग की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रूपये की धनराशि दिए जाने का उल्लेख किया गया है.


इस पत्र के दूसरे पैराग्राफ़ में अंतरधार्मिक विवाह करने पर भी इतनी ही प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि दिए जाने का उल्लेख किया है. इसमें कहा गया अंतरधार्मिक विवाह संघ या ब्यूरो द्वारा मान्यता प्राप्त धार्मिक स्थल (मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर के सम्यक के रूप में) पर ही होगा और अंतरजातीय विवाह के लिए एक पक्ष का अनुसूचित जाति का होना जरूरी है.


टिहरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी के पत्र के बाद में हड़कंप मचा हुआ है. पत्र जारी होने के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्ड़ियाल से संपर्क नहीं हो रहा है.


बीजेपी के रणनीतिकार दुविधा में
इस पत्र ने भाजपा के रणनीतिकारों की नींद उड़ा दी है. हालांकि यह नया नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कही, शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने सख्त कानून बनाने की बात कही. यूपी में लगातार लव जेहाद के मामले सामने आ रहे हैं.


विपक्ष ने बोला हमला
भाजपा शासित मध्य प्रदेश कानून बन चुका है, ऐसे में उत्तराखंड में एक पुराने प्रावधान को नए सिरे से जारी करना खासतौर पर संघ और भाजपा संगठन को अखर गया है. अब देखना यही है कि त्रिवेंद्र सरकार अंतरधार्मिक विवाह पर नए सिरे से कोई फैसला लेते है या नहीं. क्योंकि सूत्रों की माने तो इस प्रावधान को हटाने को लेकर अब दबाव और ज्यादा बढ़ेगा. धर्म गुरु आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर इस मामले पर सरकार पर तीखा हमला बोल है. उन्होंने कहा पूरे देश में लव जेहाद के ख़िलाफ़ कानून और देवभूमि उत्तराखंड में प्रोत्साहन देना भाजपा का दोगला चरित्र उजागर करता है.


यह भी पढ़ें-
IAS टॉपर टीना डाबी और उनके पति अतहर आमिर ने फैमिली कोर्ट में दी तलाक की अर्जी, 2018 में हुई थी शादी


कोरोना की दूसरी लहर में राज्यों ने प्रतिबंध लगाना शुरू किए, जानिए- किस शहर में लगा कर्फ्यू, कहां स्कूल हुए बंद