Uttarakhand में विधानसभा सत्र के अंतिम दिन विपक्ष हुआ हमलावर, कहा- बिना होमवर्क के सदन में आते हैं मंत्री
उत्तराखंड विधानसभा सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. विधानसभा के सत्र के दौरान हंगामे के बीच बजट पारित हो गया.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा सत्र (Uttarakhand Assembly Session) की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई. विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पास किया. 65,557 करोड़ के बजट में सरकार ने उत्तराखंड के विकास के खाते को खींचा है. सत्र के अंतिम दिन भी विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए कि सदन के भीतर मंत्री पूरे होमवर्क के साथ नहीं पहुंच रहे हैं. 4 दिन की इस कार्यवाही में विपक्ष के एक भी सवाल का सरकार ठीक से जवाब नहीं दे पाई.
विपक्ष ने गैरसैंण, चारधाम यात्रा, बिजली कटौती, और जिला विकास प्रधिकरण और हल्द्वानी में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. सदन की कार्यवाही के अंतिम दिन विपक्ष ने बेरोजगार युवाओं पर हुई लाठीचार्ज के मुद्दे पर सदन का वॉकआउट भी किया.
सत्र की अवधि छोटा करने के लगे आरोप
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर सत्र की अवधि को छोटा किया. जबकि सदन का समय 20 जून तक तय किया गया था. उसके बावजूद भी सदन सिर्फ 17 जून तक ही चल पाया. सदन की इस कार्यवाही में विपक्ष के तमाम सवाल प्रमुखता से नहीं रखे गए. विपक्ष के विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि विपक्ष ने जनहित के जितने भी मुद्दे सदन के भीतर उठाए उन सभी मुद्दों पर सरकार ने गोलमोल जवाब दिया. इससे साफ है कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देना नहीं चाहती.
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देहरादून में सत्र कराने पर बिफरे विपक्षी विधायक
कांग्रेस के विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण के गठन से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सरकार से मांग की गई है कि स्थानीय विकास प्राधिकरण को समाप्त कर दिया जाए. वहीं धारचूला से विधायक हरीश धामी ने कहा कि आपदा के मुद्दे पर सरकार ने सदन के भीतर वादा किया है कि वह अति संवेदनशील क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करेगी. उधर, गैरसैंण को लेकर आक्रामक रूप बनाए हुए बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना चुकी है जबकि सत्र देहरादून में कराए जा रहे हैं.
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