Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखण्ड में भले ही देश-विदेश से लोग अपने बच्चों को पढ़ने भेजते हो लेकिन प्रदेश में स्कूली शिक्षा चुनावी मुद्दा बन रही है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम के नाम पर उत्तराखण्ड स्कूलों के कायाकल्प का ऐसा राग छेड़ा है कि ये चुनावी मुद्दा जोर पकड़ रहा. आप ऐसे ही मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में कूद रही है.
स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं
प्रदेश में सरकारी स्कूल एक बार फिर पॉलिटिकल पार्टिज़ के निशाने पर है. आप के लिए इन दिनों चुनावी मुद्दा उत्तराखण्ड के स्कूल बन गए हैं. इसीलिए दिल्ली के कई नेता उत्तराखण्ड में सरकार को स्कूलों के नाम पर घेर रहे हैं. आप के दिल्ली के नेता उत्तराखंड के स्कूलों में घूम-घूम कर स्कूलों की स्थिति सरकार के सामने रखकर चुनावी मुद्दा बना रहे हैं. हाल ही में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अपने कुमाऊं दौरे में स्कूली व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे. प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया का कहना है कि यदि उत्तराखंड में स्कूलों की स्थिति ठीक है तो सरकार उस स्कूल का नाम बताएं.
आप की नई रणनीति
हालांकि इस पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी आप को स्कूल से लेकर स्वास्थ्य के मुद्दे पर घेर रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि पहले आम आदमी पार्टी दिल्ली के स्कूलों की स्थिति बता दे. पूरी दिल्ली में एक-दो स्कूलों की हालत ठीक करके राग नहीं अलापना चाहिए. बीजेपी कहती है कि हमारे स्कूल बहुत बेहतर है. शिक्षा पर राजनीति करना ठीक नहीं हैं. बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने शिक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर सत्ता में वापसी की और उसी को उत्तराखण्ड में भी लागू कर के 2022 की जंग फतह करने की रणनीति बनाई जा रही है.
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