Uttarakhand News: 22 अक्टूबर से हल्के वाहनों के लिए खुल जाएगा सुखरौ पुल, विधानसभा अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
Uttarakhand News: एक दिन पहले उत्तराखंड क्रांति दल ने सुखरौ पुल को यातायात के लिए खोलने की मांग की थी. पुल को खोलने की मांग करते हुए दल ने धरना भी दिया था.
Dehradun News: विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण (Ritu Khanduri Bhushan) ने कोटद्वार के अंतर्गत सितंबर माह में भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हुए सुखरौ पुल (Sukhrau Bridge) के मरम्मतीकरण कार्य का विभागीय अधिकारियों के संग मौके पर स्थलीय निरीक्षण किया. अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 22 अक्टूबर से सुखरौ पुल पर हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी.
भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया था पुल
ज्ञात है की भारी बारिश के चलते बीते एक सितंबर को कोटद्वार-भाबर को जोड़ने वाले सुखरौ पुल का पांच नंबर पिलर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को उन को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे. अधिकारियों के जवाब के मुताबिक सितंबर से लेकर अभी तक लगातर बारिश के कारण पुल की मरम्मत में दिक्कत आ रही थी, लेकिन अब पुल की मरम्मत के लिए लगातार कार्य चल रहा है, ऐसे में जल्द ही पुल की मरम्मत कर 22 अक्टूबर तक पुल को हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा.
विधानसभा अध्यक्ष ने लिए पुल के मरमत्तीकरण कार्य का जायजा
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने उप जिलाधकारी, लोक निर्माण विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों के संग पुल के मरमत्तीकरण कार्य का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के द्वारा पुल को लिफ्टिंग करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को गुणवत्ता पूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार समस्या उत्पन्न ना हो.
सुखरौ पुल खोलने के लिये हुआ था धरना प्रदर्शन
बता दें कि एक दिन पहले उत्तराखंड क्रांति दल ने सुखरौ पुल को यातायात के लिए खोलने की मांग की थी. पुल को खोलने की मांग करते हुए दल ने धरना भी दिया था. सभा को संबोधित करते हुए यूकेडी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर शक्ति शैल कपरवाण ने कहा था कि कोटद्वार को भाबर,लालढांग और हरिद्वार से जोड़ने वाले सुखरो पुल की मरम्मत अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जिससे भाबर क्षेत्र के लोगों को मुख्य बाजार तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है.
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