Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी (Ritu Khanduri) ने राज्य के गठन के बाद से विधानसभा सचिवालय (uttarakhand secretariat) में हुई भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए शनिवार को तीन सदस्यीय समिति (Three Members Committee) गठित की. उत्तराखंड का गठन 2000 में हुआ था और यह भर्ती राज्य में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों सरकारों के कार्यकाल में हुई. ये आरोप लगाए गए हैं कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों और परिचितों की भर्ती पिछले दरवाजे से की गई थी.


जनहित में लिया गया जांच का निर्णय - खंडूरी


समिति की अध्यक्षता पूर्व सचिव (कार्मिक) दिलीप कुमार कोटिया करेंगे. इसके अन्य दो सदस्य- सुरेंद्र सिंह रावत और अवननेद्र सिंह नयाल- भी कार्मिक विभाग के पूर्व सचिव हैं. खंडूरी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में समिति का गठन किए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि इसे (समिति को) एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिशों को पारदर्शी तरीके से सख्ती से लागू किया जाएगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के मौजूदा सचिव मुकेश सिंघल को जांच अवधि के दौरान छुट्टी पर रहने को कहा गया है. खंडूरी ने कहा कि यह निर्णय जनहित में लिया गया है.


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पीएम मोदी से प्रभावित होकर राजनीति में आई - खंडूरी


रितु खंडूरी ने कहा, 'मुझे कोई अनियमितता या अनुशासनहीनता स्वीकार्य नहीं है. मैं सदन की शुचिता बनाये रखने के लिए कई सुधारात्मक और कठोर निर्णय ले सकती हूं. अध्यक्ष के रूप में, यह न केवल मेरी जिम्मेदारी है, बल्कि विधानसभा की शुचिता बनाये रखना मेरा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य भी है.' खंडूरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर सार्वजनिक जीवन में आई हैं  जिन्होंने एक बार कहा था कि वह किसी को भी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा, 'मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहती हूं कि सभी के साथ न्याय होगा और कोई भी निराश नहीं होगा.' इससे पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खंडूरी से मामले की जांच के आदेश पर विचार करने का अनुरोध किया था.


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