Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) अध्यक्ष रितु खंडूरी (Ritu Khanduri) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने विधानसभा भर्ती में हुए कथित घोटाले पर मीडियाकर्मियों को संबोधित किया और कहा कि वह दो-तीन दिन से इस पर विचार कर रही थीं. उन्होंने कहा कि विधानसभा में अनियमितताओं को सहन नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने सचिव को एक महीने की छुट्टी पर भेजे जाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस मामले की एक महीने के भीतर जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उल्लेखनीय है कि विपक्ष के हंगामे के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने रितु खंडूरी को चिट्ठी लिखी थी. 


2012 से हुई भर्तियों की जांच होगी


प्रेस कॉन्फ्रेंस में रितु खंडूरी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की गरिमा को बनाए रखना उनका कर्तव्य है. मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा. रितु खंडूरी ने कहा कि सख्त नियमावली निकाली जाएगी जिसका पालन सभी को करना होगा. उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दिलीप कुमार कोटिया की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. सेनानिवृत्त आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयल इसके सदस्य होंगे. रितु खंडूरी ने कहा कि जांच के दौरान वर्तमान विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल अवकाश पर रहेंगे. इसके साथ ही दो चरणों मे जांच की जाएगी, जिसके तहत साल 2000 से 2011 तक और 2012 से 2022 तक दोनों ही कार्यकाल में हुई भर्तियों की जांच की जाएगी.  उधर विधानसभा अध्यक्ष खंडूरी के निर्देश पर विधानसभा सचिव मुकेश सिंगल का कमरा भी सीलकर दिया गया है.  यह कमरा एक महीने तक सील रहेगा ताकि जांच में किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना आए. विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर मुकेश सिंघल पर भी सवाल खड़े हो रहे थे.



Baghpat: बागपत में 20 से ज्यादा बाइक सवार हमलावरों ने दो लोगों पर धारदार हथियार से किया हमला, एक की मौत


कांग्रेस ने शुक्रवार को दिया था प्रदर्शन


विधानसभा सचिवालय में नियुक्ति घोटाले को लेकर कांग्रेस सीएम धामी पर हमलावर है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्य़कर्ताओं ने इसको लेकर शुक्रवार को विधानसभा के गेट के बाहर प्रदर्शन किया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि नियम कायदों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई हैं लिहाजा उन्हें निरस्त कर दिया जाना चाहिए. इस प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी, और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी मौजूद रहे. विधायक राजेंद्र भंडारी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के दौरान बड़े नेताओं के करीबियों और अधिकारियों के भाई-भतीजे को विधानसभा में नौकरी पर रखा गया है. उन सब की जांच होनी चाहिए. 


ये भी पढ़ें -


Watch: हरमीरपुर में बाढ़ पीड़ितों के लिए रोटियां सेकतीं केंद्रीय मंत्री का वीडियो वायरल