Uttarakhand Ayurveda University: आयुर्वेद विश्वविद्यालय में विजिलेंस का छापा, कई मामलों में संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लिया
Vigilance Raid: साल 2015 में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में हुई नियुक्तियों की घपलेबाजी मामले में विजिलेंस ने अपनी जांच शुरू कर दी है.

वहीं, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विश्वविद्यालय की ओर से गठित समितियों द्वारा विस्तृत जानकारी शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल करने का भी आरोप है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में अलग-अलग तरह के सामान खरीदने में वित्तीय गड़बड़ी करने के आरोप भी संस्थान की प्रबंधक टीम पर लगे हैं. इस मामले में मई 2022 को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को आयुर्वेद विश्वविद्यालय की खुली जांच करने के आदेश दिए थे. ऐसे में विजिलेंस की ओर से नोटिस देकर विश्वविद्यालय प्रशासन को पूछताछ में सहयोग करने और भर्ती दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था. लेकिन बार-बार रिमाइंडर के बावजूद विश्वविद्यालय की तरफ से किसी अधिकारी व कर्मचारी के ना पहुंचने की सूरत में शुक्रवार से विजिलेंस टीम ने विश्वविद्यालय पहुंचकर अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
विजिलेंस की जांच शुरू होते ही मचा हड़कंप
विजिलेंस की खुली जांच शुरू होते ही विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया. विजिलेंस ने इस दौरान प्रशासनिक भवन में सभी बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी. सभी कर्मचारियों को संस्थान से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी. विजिलेंस की टीम ने पहले दिन घंटों तक जांच-पड़ताल करते हुए भर्ती रिकॉर्ड खंगाले. साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान लेकर अनिमितताओं से जुड़े दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं.
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में शनिवार को भी विजिलेंस की जांच पड़ताल जारी है. नोटिस के बावजूद संस्थान अधिकारी कर्मचारियों द्वारा जांच में सहयोग न करने के चलते विजिलेंस ने कड़ा रुख अख्तियार कर दिया है. यही कारण है कि अब विजिलेंस की टीम शनिवार के साथ-साथ लगातार संस्थान पहुंचकर जांच की कार्रवाई में तेजी लाने की योजना बना चुकी है.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में जल्द ही कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर कानूनी शिकंजा कसने के साथ ही विभागीय गाज भी गिर सकती है.
अभी तक की विजिलेंस जांच में भर्ती धांधलेबाजी से लेकर आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ऑडिट रिपोर्ट में भी गड़बड़ियां सामने आई हैं. नियुक्तियों से लेकर संस्थान के सामान खरीदने में भारी वित्तीय अनियमितताएं देखी गई हैं. फिलहाल विजिलेंस जांच को तेजी से आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य व सबूतों के आधार पर जल्द आरोपितों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कस सकती है.
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