Uttarakhand News: उत्तराखंड में शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश में भी शराब की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित आबकारी नीति में इसका प्रावधान करने की तैयारी है.सरकार ने शराब के ऊपर राजस्व का लक्ष्य 4500 करोड़ से अधिक रख सकती है, वहीं इससे पहले वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग को 4000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य दिया गया है.
आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमल ने बताया कि वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से जो भी राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा. उसे हासिल करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. उत्तराखंड में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में आबकारी विभाग शामिल है. शराब की दुकानें राजस्व पूर्ति का सबसे बड़ा जरिया हैं. जिनकी नीलामी और शराब की बिक्री से पिछले साल सरकार को बड़ी आय होती है लेकिन पिछले साल शराब के दामों में 20% तक की कमी की थी.
रिहायशी इलाके शराब दुकान का हुआ था विरोध
बताया गया कि उत्तराखंड की तुलना में हिमाचल से ब्रांड की शराब काफी सस्ते दरों पर मिल रही है. यही वजह है कि शराब की सबसे अधिक तस्करी हिमाचल चंडीगढ़ और हरियाणा से हो रही है. शराब की कीमतें घटने से तस्करी पर थोड़ा असर भी पड़ा था इस साल अक्टूबर में घर में बाहर खोलने के लिए लाइसेंस देने की भी बात होती थी लेकिन इस पर खूब विवाद हुआ, जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले को वापस ले लिया था,
अब सरकार एक बार फिर से राजस्व की बढ़ोतरी के लिए शराब महंगी करने जा रही है बताया जाता है कि उत्तराखंड में 10% शराब को महंगा किया जा सकता है. इस बार वित्तीय वर्ष में 45 करोड़ का लक्ष्य रखा जा सकता है, जिसकी प्राप्ति के लिए शराब का महंगा होना कोई बड़ी बात नहीं है.
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