Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के भीमताल (Bhimtal) स्थित भीमेश्वर महादेव मंदिर (Bhimeshwar Mahadev Mandir) में भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. इसलिए भीमताल के इस मंदिर में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन भक्तों का तांता लगता है. इस बार महाशिवरात्रि पर मंदिर के पुजारी ने अपने साथियों के साथ मंदिर को दूल्हे की तरह सजा दिया है.
पांडवों से जुड़ा है इतिहास
उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और यहां के कण कण में शिव का वास होता है. ऐसा ही एक मंदिर नैनीताल जिले के भीमताल में भीमेश्वर महादेव के नाम से स्थापित है. यहां शिवरात्रि में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. इस बार महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. महाशिवरात्रि पर मंदिर में श्रद्धालुओं का आना शुरु हो गया है. भीमताल का यह भीमेश्वर महादेव मंदिर द्वापर युग का है और कहा जाता है कि जब पांडवों (Pandava) ने तपस्या कि तो यहां शिवलिंग कि स्थापना हुई. इसके अलावा यहीं पर भीम ने अपनी गदा मारकर धरती से पानी निकाला और शिव का जलाभिषेक किया.
कब हुआ मंदिर का निर्माण
भीमेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कालांतर में चंद वंश (Chand kings) के राजा कल्याण चंद (Kalyan Singh) ने इस मंदिर का निर्माण कराया. तभी से यहां शिव को पूजा जाता है. महाशिवरात्रि में यहां मेले का आयोजन होता है और श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर मनोकामना मांगते हैं. शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. लोगों की मान्यता है कि यहां मनोकामना पूरी होती है.
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