Uttarakhand: उत्तराखंड में हर पांच साल बाद सरकार बदलने को लेकर बने राजनीतिक रिवाज को तोड़ कर बीजेपी ने दोबारा सरकार बनाने में तो कामयाबी हासिल कर ली,लेकिन ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव में हारने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को प्रदेश बीजेपी के ही कई दिग्गज नेता अभी तक हजम नहीं कर पा रहे हैं. खासतौर से बीजेपी अपने ही दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान से असहज नजर आ रही है. 


पिछली सरकार में मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल चुके त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे धामी सरकार और बीजेपी के सामने कई बार असहज स्थिति पैदा होती रही है.हाल ही में पार्टी के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड में जारी कमीशन की दर को लेकर ऐसा बयान दे डाला,जिससे विपक्षी कांग्रेस को धामी सरकार पर एक और हमला बोलने का मौका मिल गया.


जेपी नड्डा से जल्द मुलाकात कर सकते हैं तीरथ सिंह रावत
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सभी तथ्यों को सामने रखा.जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने इस तरह का बयान देने वाले अपने दोनों मुख्यमंत्रियों को दिल्ली तलब कर लिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को जेपी नड्डा से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा. वहीं तीरथ सिंह रावत भी जल्द ही नड्डा से मुलाकात कर अपनी सफाई दी सकते हैं.


सीएम पुष्कर सिंह धामी को पार्टी आलाकमान के सख्त फैसले का इंतजार
हालांकि पार्टी आलाकमान की इन तमाम कोशिशों और नाराजगी जताने का कितना असर इन नेताओं पर पड़ेगा,यह कहना मुश्किल है.क्योंकि त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले भी कई बार नड्डा से मुलाकात कर अपनी बात रख चुके हैं.इसके बावजूद उत्तराखंड में बयानबाजी का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. इन  सबके बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पार्टी आलाकमान के सख्त फैसले का इंतजार है,ताकि उनकी सरकार अपनों के ही राजनीतिक हमलों से बच सकें.


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