देहरादून: उत्तराखंड के मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता या संरक्षक को खोने वाले बच्चों की सामाजिक सुरक्षा हेतु वात्सल्य योजना को मंजूरी दे दी जिसमें उन्हें 21 साल की उम्र तक अन्य सहायता के अलावा 3000 रुपये प्रति माह भी दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि वात्सल्य योजना में माता-पिता अथवा परिवार के कमाउ सदस्य या संरक्षक की कोविड से मृत्यु होने पर उस बच्चे को शिक्षा, पुर्नवास, स्वास्थ्य, खाद्यान्न सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी की सुरक्षा के लिए विधिक संरक्षण दिया जाएगा.
सुबोध उनियाल ने बताया कि ऐसे बच्चों को 21 साल की उम्र तक 3000 रुपये प्रति माह देने के अलावा निशुल्क राशन और शिक्षा में भी सहायता प्रदान की जाएगी. यह योजना मार्च 2020 से मार्च 2022 तक प्रभावी रहेगी. उनियाल ने बताया कि इसके अलावा मंत्रिमंडल ने कोविड दुष्प्रभाव से पर्यटन व्यवसायियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिये 28.99 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है. इसके अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थियों को 2500 रूपये प्रतिमाह की दर से दो माह के लिये 5000 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी. 352 टूर ऑपरेटरों को 10 हजार प्रति फर्म दिया जायेगा.
पंजीकृत 303 एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रूपये प्रति फर्म दिया जायेगा जबकि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना में, होम स्टे योजना में एक अप्रैल से 30 सितम्बर तक ऋण लेने पर ब्याज की प्रतिपूर्ति की जायेगी. पंजीकृत 631 राफ्टिंग गाइडों को 10 हजार रूपये प्रति गाइड दिया जायेगा. इसके अलावा उन्हें लाइसेंस नवीनीकरण में छूट दी जाएगी.
बद्रीनाथ धाम में 100 करोड़ के निर्माणकार्य
एक अन्य निर्णय में, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो उद्यम) को लागू किए जाने को मंजूरी दी गयी जिसके अंतर्गत तालाबंदी से प्रभावित हुए सिलाई, बुनाई, चाय, फल विक्रेता जैसे बीस हजार छोटे व्यवसायियों को लाभान्वित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस योजना में 10 करोड़ रुपये का व्यय भार आयेगा जिसमें से पांच करोड़ रुपये स्वयंसेवी संस्था हंस फाउंडेशन वहन करेगी.
मंत्रिमंडल ने केदारनाथ पुनर्निर्माण मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रशासनिक भवन, कमांड कंट्रोल भवन आदि के लिये भूमि की आवश्यकता को देखते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम के आठ पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण की अनुमति दे दी. बद्रीनाथ में 100 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले बाढ़ नियंत्रण कार्यों हेतु वेबकास्ट को कार्यदायी संस्था बनाये जाने को भी अपनी मंजूरी दे दी.
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