Agniveer Recruitment In Uttarakhand: केन्द्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती की अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) लॉन्चिंग के वक्त से ही विवादों में रही है. विपक्ष शुरू से ही इस योजना को लेकर केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेता रहा है लेकिन अब उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) के मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने ही इस भर्ती को लेकर सवाल उठा दिए हैं. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में नियमों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इनकी भर्ती दौड़, लंबाई और शारीरिक क्षमता की माप नियमों के विरुद्ध की जा रही है. 


अग्निवीरों की भर्ती पर उठाए सवाल
दरअसल उत्तराखंड के कोटद्वार में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 19 अगस्त को अग्निवीरों की भर्ती योजना को लॉन्च किया था. जिसके बाद यहां पर अग्निवीर योजना भर्ती जोरों पर चल रही है. ये भर्ती 19-31अगस्त तक चलेगी. लेकिन इस भर्ती को लेकर सरकार के ही मंत्री सतपाल महाराज ने सवाल उठा दिए है. उनका साफ कहना है कि उत्तराखंड के युवाओं के लिए फौज की भर्ती में लंबाई 163 सेंटीमीटर तय है. जो स्वर्गीय पूर्व थल सेना अध्यक्ष विपिन रावत तय ने की थी. लेकिन अब भर्ती में 170 सेंटीमीटर लंबाई मापी जा रही है. वहीं दौड़ में भी सभी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है. 


सतपाल महाराज के आरोपों पर विपक्ष भी एक्टिव
अग्निवीर भर्ती योजना में सरकार के ही मंत्री द्वारा उठाए गए सवालों के बाद अब विपक्ष ने भी धामी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का साफ कहना है कि अग्निवीर भर्ती को लेकर विपक्ष पहले से ही यह बात कह रहा था कि यह युवाओं के विरुद्ध है और अब सरकार के ही मंत्री नियमों के विरुद्ध भर्ती की बात कह रहे हैं. इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश में युवाओं के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है और मानकों के विरुद्ध भर्ती की जा रही है. 


Watch: पूर्व मंत्री का दावा- 'अखिलेश यादव चाहें तो 15 दिन में गिर जाएगी योगी सरकार, BJP के 150 विधायक नाराज'


युवाओं को हो रही है परेशानी
उत्तराखंड में अग्निवीर भर्ती की लांचिंग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कोटद्वार मे की थी. तब ये दावा किया गया था कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान युवाओं को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन युवाओं को चरित्र प्रमाण पत्र से लेकर अन्य दस्तावेजों के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं. वहीं अब मंत्री की ओर से ही नियमों के विरुद्ध भर्ती कराने से सवाल खड़े हो गए हैं. 


ये भी पढ़ें-