Jaunsar Bawar News: यूं तो मन्नतें मांगने के लिए भगवान की शरण में मंदिर जाने की परंपरा है लेकिन अगर भगवान खुद ही मन्नत पूरी करने भक्तों के पास पहुंचे तो? ऐसा ही एक अद्भुत नजारा जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में देखने को मिला, जहां क्षेत्र के कुल देवता चालदा महासू महाराज गांव-गांव पहुंचकर भक्तों को ना केवल दर्शन देते हैं बल्कि उनकी इच्छाएं भी पूरी करते हैं. बता दें कि चालदा महासू महाराज का भ्रमण करने का ये सिलसिला पीढ़ियों से जारी है.


गांव वाले करते हैं कुल देवता का भव्य स्वागत


अपनी अलग संस्कृति और रति रिवाजों के लिए जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर पूरे देश में एक अलग पहचान रखता है. इस क्षेत्र के लोगों के कुल देवता चालदा महासू महाराज है. जो हर साल जौनसार बावर के साथ ही बंगाण और हिमाचल के बड़े भूभाग पर भ्रमण करते हैं. और किसी गांव में पहुंचने पर चालदा महाराज एक साल तक उसी गांव में प्रवास करते हैं. इस दौरान गांव से देवता की विदाई और दूसरे गांव में देवता के स्वागत का नजारा देखने लायक होता है. देवता की विदाई करने वाला गांव भरी आंखों से उन्हें विदा करते हैं तो दूसरा गांव देवता का स्वागत नाच गाने के साथ स्वागत करते हैं.


चालदा महासू महाराज क्षेत्र के अराध्य हैं


आपको बता दें कि भगवान भोलेनाथ के अंश कहे जाने वाले महासू महाराज इस क्षेत्र के अराध्य देवता हैं. और वो इसी तरह सदियों से इस क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों की मन्नतें पूरी करते हैं. इस बार देवता मोहना गांव में एक साल गुजारने के बाद समाल्टा गांव पहुंचे हैं. देवता के भ्रमण के दौरान हजारों लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं. जिससे साफ है कि लोगों में चालदा महासू महाराज के प्रति अपार आस्था और श्रृद्धा है. देवताओं के प्रति अपार आस्था आज भी उत्तराखंड के लोगों में मौजूद हैं. इसलिए ही शायद उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है.


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