(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, दर्शन के समय में की गई बढ़ोतरी
Uttarakhand: चारधाम यात्रा में उमड़ती भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सभी श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. अब बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी.
Char Dham Yatra Registration: उत्तराखंड (Uttarakhand) चारधाम में यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन को लेकर सरकार सख्त हो गई है. अब से बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी यात्री चारधाम यात्रा पर नहीं आ पाएगा. उत्तराखंडवासियों पर भी यह व्यवस्था लागू है. रजिस्ट्रेशन की जांच यात्रा मार्ग पर जगह-जगह स्थापित जांच चौकियों और पुलिस चौकियों पर की जाएगी. वहीं यात्रा के लिए बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के दृष्टिगत सरकार ने चारों धामों के लिए होने वाले पंजीकरण में प्रतिदिन की तय संख्या में एक-एक हजार की बढ़ोतरी भी कर दी है.
बताते चलें कि केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन करने के समय में भी 5 घंटे की बढ़ोतरी की गई है. जानकारी के मुताबकि अब सुबह 4 बजे से दोपहर 3 बजे और फिर 4 बजे से रात 10:30 बजे तक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश-विदेश के आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक ऊपर से यात्रा की अनुमति न मिले, तब तक वे यात्रा के लिए न निकलें.
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4 धामों के लिए तय है यात्रियों की संख्या
वहीं कोरोना के कारण दो सालों के बाद बिना किसी प्रतिबंध के शुरू हुई यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय की थी. बदरीनाथ में 15000, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 दर्शनार्थियों की संख्या तय की गई थी. वहीं यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है.
कई यात्रियों की मौत से व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं. यात्रा के शुरुआती दिनों में ही लगभग 20 तीर्थयात्रियों की मौत के बाद व्यवस्था सवालों के घेरे में है. सरकार के तमाम दावों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग यहां उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. अब देखना ये होगा कि सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है.