Char Dham Yatra 2022: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) इस बार बेहद खास रही. यात्रा सीजन में इस बार चारों धामों में अब तक तकरीबन 42 लाख से ज्यादा यात्रियों ने दर्शन किए. जो पिछले सालों की अपेक्षा रिकॉर्ड संख्या बताई जा रही है. अब यात्रा अंतिम चरण में है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारों धामों का रुख कर रहे हैं. 2013 की आपदा और कोरोना (Covid 19) के बाद ये संख्या रिकॉर्ड बताई जा रही है. हालांकि मानसून सीजन में यात्रियों की संख्या ना के बराबर रही, लेकिन यात्रा में इस बार आए 42 लाख से भी अधिक श्रद्धालु पर्यटन विभाग और सरकार के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. 

 

चार धाम यात्रा में पहुंचे रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु

चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक रीड मानी जाती है. इस यात्रा की वजह से प्रदेश के लाखों व्यापारियों और सरकार को काफी आमदनी होती है. इसलिए इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना न सिर्फ सरकार के लिए खुशखबरी है बल्कि स्थानीय लोग भी इससे काफी उत्साहित हैं. तीर्थ पुरोहितो का भी कहना है कि इस बार चार धाम यात्रा रिकॉर्ड रही है जो आने वाले दिनों के लिए शुभ संकेत है. चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की बात करें तो 

- केदारनाथ धाम में 14 लाख 25 हजार लाख श्रद्धालु

- बदरीनाथ धाम में 15 लाख 20 हजार श्रद्धालु 
- यमुनोत्री धाम में 4 लाख 75 लाख श्रद्धालु 
- गंगोत्री धाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, और...

- हेमकुंड साहिब में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके हैं.


पीएम मोदी के आने से बढ़ा लोगों का उत्साह
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ में हो रहे दौरे से भी यात्रियों और स्थानीय लोगों में उत्साह बढ़ा हुआ है. इससे हर साल यात्रियों की संख्या चारों धामों में बढ़ रही है और चारों धामों के प्रति यात्रियों का लगाव भी लगातार बढ़ रहा है. इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे के बाद चार धाम यात्रा में अगले साल और भी इजाफा हो सकता है. इसी वजह से सरकार चारों धामों यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है.

 

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कही ये बात

पर्यटन मंत्री सतपाल महराज का कहना है कि इस बार यात्रा काफी बड़े स्तर पर हुई है. जिससे कोरोना काल का घाटा भी रिकवर हुआ है और इस साल की यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और गिनीज बुक में दर्ज कराने का प्रयास होगा.  उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अब लगभग 10 से 12 दिनों की बची है यानी यात्रा का यह अब अंतिम चरण है माना जा रहा है कि इन 10 दिनों के भीतर भी यात्रियों की संख्या में बड़े स्तर पर इजाफा होगा. 

 

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