Chardham Yatra 2023: उत्तराखंड (Uttarakhand) में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के दौरान इस बार कई नियम बदल सकते हैं. वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क लग सकता है. आम लोगों के लिए टोकन व्यवस्था साथ ही अन्य और भी कई नियमों में बदलाव पर विचार चल रहा है. इसके लिए बीकेटीसी की चार टीमें अलग-अलग मंदिरों में अध्ययन के लिए गई हैं. यह चारों टीमें तिरुपति वेंकटेश मंदिर (Tirupati Venkateswara Temple) आंध्र प्रदेश, महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) उज्जैन, वैष्णो देवी मंदिर (Veshno Devi Temple) जम्मू कश्मीर और सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) गुजरात के प्रबंधन से बातचीत करेंगी, तमाम बातों के अध्ययन के बाद बीकेटीसी और शासन स्तर पर व्यवस्थाओं को बदलने पर विचार किया जा सकता है.


उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 4 अप्रैल महीने से शुरू हो रही है, लेकिन भीड़ की ज्यादा संख्या को देखते हुए शासन और बीकेटीसी स्तर पर व्यवस्था में बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है, जानकारी के मुताबिक इस बार वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क लगाया जा सकता है, साथ ही अन्य और भी व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है. इसके लिए श्री बद्री केदारनाथ समिति की 4 टीमें देश के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों के अध्ययन के लिए रवाना हो चुकी हैं. इनमें एक टीम तिरुपति वेंकटेश मंदिर आंध्र प्रदेश गई है, दूसरी टीम वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर और तीसरी टीम महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन गई है, जबकि चौथी टीम सोमनाथ मंदिर गुजरात में प्रबंधन से बातचीत करेगी. 


प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों का अध्ययन करेंगी टीमें


यह चारों टीमें इन चारों प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में व्यवस्थाओं को देखेंगी, साथ ही साथ वीआईपी दर्शन के लिए वहां क्या व्यवस्था है, उस पर वहां के प्रबंधन से बातचीत करेंगी. माना जा रहा है कि इनकी रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड में चारों धामों में कई व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है. साथ ही वीआईपी दर्शन के लिए भी शुल्क लगाया जा सकता है.


इधर तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि व्यवस्था बीकेटीसी के माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में की जाती है, लेकिन इससे पहले भी कई बार बीकेटीसी की कई टीमें इस तरह के अध्ययन कर चुकी हैं, लेकिन उनका फायदा कुछ नहीं मिल पाया. इतना ही नहीं पुरोहितों का यह भी कहना है कि भगवान के दरबार में वीआईपी दर्शन जैसी चीजों का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उत्तराखंड के चार धाम लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं, ऐसे में अति विशिष्ट लोगों को अलग से सुविधा देना ठीक नहीं. तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक श्री बद्री केदारनाथ समिति को स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहितों से इस संबंध में बात करनी चाहिए, ताकि यहां व्यवस्थाओ को और बेहतर किया जा सके. 


यात्रा से पहले बदले जा सकते हैं नियम


पिछले साल चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या से सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई थी, इसलिए इस बार सरकार बिल्कुल भी यह नहीं चाहती कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत हो और व्यवस्थाओं की वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़े, इसलिए चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले ही कई तरह के बदलाव और व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने की कोशिश की जा रही है. 


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