Uttarakhand News: उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में अब देरी होने की संभावना है. राष्ट्रीय खेलों का आयोजन पहले 28 जनवरी से 14 फरवरी तक आयोजन होना था. लेकिन अब इनकी नई तारीख 15 फरवरी से 2 मार्च के बीच हो सकती है. इस आयोजन में बदलाव होने का कारण एथलेटिक्स ट्रैक की खुदाई और अन्य तैयारियों में हो रही देरी है. मुख्यमंत्री और खेल मंत्री की बैठक मंगलवार (26 नवंबर) को हो सकती है. इस बैठक में नई तारीखों को लेकर ऐलान किया जा सकता है.
आईओए ने तैयारियों को लेकर उठाए सवाल
हाल ही में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और जीटीसीसी के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक में उत्तराखंड की खेल की तैयारियों को लेकर सवाल उठाए गए थे. आईओए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में उत्तराखंड में हो रही तैयारियों को लेकर गंभीर चिंता भी जताई गई. विशेष रूप से देहरादून स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम के एथलेटिक्स ट्रैक के संबंध में सवाल उठे थे. आरोप लगाया गया कि ट्रैक को बिना उचित अनुमति के खोदा गया, जिससे उसे तैयार होने में काफी समय लगेगा. बता दे कि इस काम को पूरा होने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा, ऐसे में सवाल उठाए जा रहे हैं कि खेल किसी तरह से आयोजित किए जाएंगे. इस बैठक में हल्द्वानी में एथलेटिक्स इवेंट को शिफ्ट करने का सुझाव दिया गया था, ताकि तैयारियों में हो रही देरी को कवर किया जा सके, हालांकि इस मुद्दे को लेकर किसी भी निर्णायक फैसले पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
आईओए का पत्र और नई तारीखों का प्रस्ताव
आईओए की तरफ से उत्तराखंड शासन को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया कि एशियाई विंटर गेम्स चीन में 7 से 14 फरवरी के बीच होगा. ऐसे में 15 फरवरी से 2 मार्च तक राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जा सकता है, ताकि उन राज्यों के खिलाड़ी जो एशियाई विंटर गेम्स में भाग लेंगे, वो राष्ट्रीय खेलों में भी आयोजन ले सकें. इस प्रस्ताव के बाद अब राज्य शासन ने नई तारीखों की संभावना पर विचार करना शुरू कर दिया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री और खेल मंत्री की बैठक में इसका औपचारिक ऐलान हो सकता है.
शासन और फेडरेशनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले शासन और खेल फेडरेशनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो गया है. सूत्रों के मुताबिक सभी खेलों के आयोजन के लिए फेडरेशनों की तैयारियां अभी पूरी नहीं हुई है. वहीं, फेडरेशनों का आरोप है कि शासन ने जितनी तैयारियों के दावे किए थे, उनकी जमीनी स्थिति काफी अलग है. फेडरेशनों का कहना है कि अभी तक कई खेलों के कैंप भी नहीं लगाए गए हैं और कुछ स्थानों पर सुविधाएं भी पूरी नहीं दी गई है.
एथलेटिक्स ट्रैक को लेकर शासन ने दी सफाई
एथलेटिक्स ट्रैक को लेकर शासन ने अपनी ओर से भी सफाई दी है. खेल निदेशालय के विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने कहा कि, 28 जनवरी से खेलों के आयोजन के लिए शासन की तैयारियां पूरी है. ट्रैक को खोदने का काम केवल उस हिस्से में किया गया है, जहां नमी थी. इस काम को 25 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही खेल निदेशालय दिन-रात खेलों के आयोजन के लिए तैयारियों में लगा हुआ है. सभी जगहों का निरीक्षण किया जा रहा है. इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की जा रही है, ताकि सभी काम समय रहते पूरे हो जाए.
फेडरेशनों का विरोध
वहीं, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश नेगी के मुताबिक एथलेटिक्स ट्रैक को बिना एसोसिएशन के जानकारी में लाए खोदा गया है. उनका कहना है कि ट्रैक को बिना खोदे भी ठीक किया जा सकता था. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल खेलों के लिए सभी फेडरेशनों की तैयारियां पूरी हैं, लेकिन कुछ चीजों में सुधार की जरूरत है.
तालमेल बैठाने की कोशिश
आशा है कि मुख्यमंत्री और खेल मंत्री की बैठक के बाद राज्य सरकार सभी तैयारियों को सही दिशा में ले जाने के लिए तालमेल बैठाने की कोशिश करेगी. खेलों के आयोजन को लेकर कई समस्याएं आ रही है, लेकिन इन सबके बावजूद राज्य सरकार को पूरी उम्मीद है कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन एक सफल और भव्य आयोजन होगा. हालांकि नई तारीखों के ऐलान के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि तैयारियां कितनी जल्द पूरी हो पाती हैं.
उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में अभी थोड़ा समय लग सकता है. हालांकि राज्य शासन और खेल विभाग दोनों अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि खेलों का आयोजन भव्य तरीके से हो सके. नई तारीखों के ऐलान के बाद अब खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल सकता है और खेलों के आयोजन में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आएगी.
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