Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में पारंपरिक हरेला त्योहार (Harela Festival) मनाया जा रहा है. राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी इस अवसर पर देहरादून (Dehradun) में 'आओ मनाएं हरेला' कार्यक्रम में हिस्सा लिया. हरेला त्योहार फलदार व कृषि उपयोगी पौधों को रोपने की परंपरा है.


सीएम धामी ने हरेला त्योहार के अवसर पर वन विभाग द्वारा आयोजित पौधा रोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने इस दौरान कहा,  'देहरादून को साफ-हरित-शहर बनाने की पहल नगर निगम ने की है. हरेला त्योहार आपको पेड़ों के महत्व को याद दिलाने का अवसर है जो कि हम दैनिक जीवन में भूल जाते हैं.'



प्रकृति पूजा का पर्व है हरेला


प्रकृति का संतुलन बनाए रखने का पर्व हरेला मानव और पर्यावरण के अंतरसंबंधों का अनूठा पर्व है. वनों से हमें अनेक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलते हैं. अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियां मिलती हैं. जिनका प्रयोग औषधियां बनाने में किया जाता है. भारत में लाखों लोग वनों पर आधारित उद्योगों में कार्य कर आजीविका चलाते हैं.  हरेला केवल फसल उत्पादन ही नहीं, बल्कि ऋतुओं के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है.


Meerut News: मीट प्लांट केस में फरार याकूब कुरैशी और उनके बेटों पर इनाम घोषित, पुलिस ने बताई ये बात


प्राकृतिक के अलावा धार्मिक महत्व


हरेला के इस पर्व को कहीं-कहीं हर-काली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि श्रावण मास शंकर भगवान जी को विशेष प्रिय है. उत्तराखंड के पहाड़ों पर ही भगवान शंकर का वास माना जाता है इसलिए भी उत्तराखंड में हरेला का अधिक महत्व है. हरेले का अर्थ सभी का सुखी संपन्न रहना होता है. इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है.


ये भी पढ़ें -


Kanpur News: आज कानपुर में रहेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कमिश्नरेट ने जारी की यह ट्रैफिक एडवाइजरी, इन वाहनों के लिए बदला रूट