कुंभ में कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े पर सीएम तीरथ रावत बोले- मैं मार्च में आया हूं, ये मामला बहुत पुराना है
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ''मैं मार्च में आया हूं और ये मामला बहुत पुराना है. हमें इसकी जानकारी मिली, मैंने आते ही इसपर जांच कराई. हम चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. दोषी के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई होगी.''
देहरादून: उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसे लेकर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसे लेकर कहा कि ये मामला बहुत पुराना है. मैंने आते ही इसपर जांच कराई.
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ''मैं मार्च में आया हूं और ये मामला बहुत पुराना है. हमें इसकी जानकारी मिली, मैंने आते ही इसपर जांच कराई. हम चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. दोषी के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई होगी.''
इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ''यह एक गंभीर अपराध है, लापरवाही नहीं. कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.'' उन्होंने कहा कि ''सरकार ने इसको बहुत गंभीरता से लिया है और इस पर एसआईटी बैठाने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य है. जिन लोगों ने ये किया है, अपराध की पुष्टि होने पर उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.''
क्या है मामला?
हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान निजी लैब द्वारा फर्जी कोविड टेस्ट की रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक निजी लैब ने टेस्ट की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड जमा कर टेस्ट किए. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है. कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है. वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगो की जांच का मामला सामने आया है.
ऐसे हुआ खुलासा
मामले का पता तब चला जब प्राइवेट लैब ने पंजाब के एक युवक को कोरोना की रिपोर्ट एसएमएस कर दी. युवक ना तो हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने पहुंचा था और ना ही उसने कोविड टेस्ट कराया था. युवक द्वारा इस मामले की शिकायत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से की गई जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे.
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