Uttarakhand News: उत्तराखंड में हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (Uttarakhand Civil Aviation Development Authority) इस माह के अंत तक देहरादून से बागेश्वर, नैनीताल और मसूरी के लिए हेली सेवा शुरू करने जा रहा है. इस पहल से न केवल पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में भी तेजी आएगी.
यूकाडा ने हवाई सेवा शुरू करने के लिए प्राइवेट हेली कंपनियों के साथ सभी औपचारिकताएं पूरी करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इसके तहत देहरादून से बागेश्वर के लिए पवन हंस कंपनी का चयन किया गया है. देहरादून से नैनीताल के लिए हेरिटेज एविएशन सेवा प्रदान करेगी. मसूरी के लिए भी प्राइवेट कंपनियों से समझौता किया गया है. निकाय चुनावों की आचार संहिता हटने के बाद, हेली सेवाओं की शुरुआत संभव है. जल्द ही इन मार्गों पर किराए का निर्धारण किया जाएगा, जिससे यात्रियों को अपने बजट के अनुसार यात्रा का विकल्प मिलेगा. बागेश्वर और नैनीताल में हेली सेवाओं के संचालन के लिए हेलिपैड निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. यूकाडा के अधिकारियों के अनुसार, इन स्थानों पर आधुनिक सुविधाओं से लैस हेलिपैड बनाए जा रहे हैं.
हेली सेवा से पर्यटकों को मिलेगा यात्रा का नया अनुभव
बागेश्वर से दूरस्थ क्षेत्रों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह सेवा बेहद महत्वपूर्ण होगी. नैनीताल से यह सेवा न केवल पर्यटन को गति देगी, बल्कि स्थानीय लोगों और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी. मसूरी में पहले से मौजूद हेलिपैड को अपग्रेड करने की योजना है, ताकि हवाई सेवाओं का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके. उत्तराखंड का अधिकांश क्षेत्र पर्यटन और तीर्थाटन पर निर्भर करता है. इन तीन नए शहरों में हेली सेवा शुरू होने से राज्य की आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी. देहरादून से बागेश्वर, नैनीताल और मसूरी के बीच हेली सेवा से पर्यटकों को यात्रा का एक नया और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा. इससे समय की बचत होगी और यात्रियों को सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव भी होगा.
इसके अलावा बागेश्वर और नैनीताल धार्मिक महत्व के स्थल हैं. हवाई सेवा के जरिए तीर्थ यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा. उत्तराखंड एक आपदा-प्रवण क्षेत्र है, जहां भूस्खलन, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आम हैं. इन परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर सेवा राहत और बचाव कार्यों को तेज करने में अहम भूमिका निभा सकती है. आपातकालीन परिस्थितियों में घायल लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी. सामग्री आपूर्ति हेली सेवा के जरिए प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी.
हालांकि, इस परियोजना को सुचारू रूप से लागू करने में कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं. हवाई सेवा का किराया ऐसा होना चाहिए, जिसे आम लोग भी वहन कर सकें. पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हवाई सेवा में व्यवधान आ सकता है. हेलीकॉप्टर संचालन में उच्च सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है. यूकाडा ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्राधिकरण ने हेली कंपनियों को सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों का पालन करने का निर्देश दिया है.
पर्यटकों की संख्या में होगा इजाफा
इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों और पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों में उत्साह है. मसूरी में होटल व्यवसायी मोहन सिंह का कहना है, "हेली सेवा शुरू होने से मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. यह हमारे व्यवसाय के लिए भी फायदेमंद होगा." उत्तराखंड सरकार इस परियोजना को राज्य के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मान रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "हेली सेवा से उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने में मदद मिलेगी. यह पर्यटन, तीर्थाटन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा."
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