Uttarakhand News: उत्तराखंड में बदलते मौसम ने आने वाले वक्त के लिए बड़ी चिंता का एहसास अभी से करा दिया है. ऐसा पहली बार है जब यमुना का उद्गम स्थल बर्फ विहीन होता चला जा रहा है. अक्सर अप्रैल के महीने में यहां की पहाड़ियां बर्फ से लदी रहती थी लेकिन अब इन पहाड़ियों पर बर्फ बहुत कम ही दिखाई दे रही है. अब यमुना का उद्गम स्थल बर्फ विहीन दिखाई देने लगा है। इतना ही नहीं पेड़ों पर समय से पहले फल आ गये हैं. मौसम के इस बदलाव ने चिंता बढ़ा दी है. आने वाले समय में ये चिंता और ज्यादा बढ़ सकती है.
मौसम को लेकर पर्यावरणविद ने जताई
पर्यावरण पर शोध कर रहे एक्सपर्ट कहते हैं, कि अभी ये अलार्मिंग हालात हैं. इसको गंभीरता से लेना होगा ताकि आने वाले समय में बड़ी परेशानी से बचा जा सके. क्लाइमेट चेंज को सरकार और लोगों को गंभीरता से लेना चाहिए, नहीं तो आने वाले समय में ये बहुत बड़ी परेशानी बनकर खड़ी हो सकती है. पर्यावरणविद् जे.पी. मैठाणी बताते हैं कि क्लाइमेट चेंज को देखते हुए सरकार और लोगों को बहुत सतर्क होने की जरुरत है. अक्सर लोगों को सरकार से ही उम्मीद रहती है कि वो पर्यावरण को लेकर कोई नीति बनाए लेकिन लोगों को भी अब खुद सतर्क होना चाहिए.
समय से पहले पिघल गई बर्फ
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के पेड़ों पर फूल अक्सर 15 अप्रैल के बाद ही खिलते थे लेकिन इस बार पेड़ों पर समय से पहले ही फूल दिखाई देने लगे हैं. जिन पहाड़ियों पर इस समय बर्फ रहती थी वो हिमविहीन होती दिख रही हैं,जबकि इस बार उत्तराखंड में काफी अच्छी बर्फबारी हुई है. ये सब बातें इस ओर इशारा करती हैं कि इस बदलते मौसम से सचेत हो जाना चाहिए. यमुना के उद्गम क्षेत्र में सप्त ऋषिकुंड, कालिंदी पर्वत, गरुड़ सहित गंगा टॉप क्षेत्र का बड़ा हिस्सा बर्फ से विहीन होता जा रहा है. यहां आने वाले पर्यटकों का भी कहना है कि उन्होंने ऐसा पहली बार देखा है कि इस महीने में .यहां की पहाड़ियों पर बर्फ नहीं है.