देहरादून, एबीपी गंगा। कुपोषण देश की बड़ी समस्याओं में से एक है। यही वजह है कि इससे निपटने के लिए सरकार की ओर से हर साल एक से सात सितंबर तक नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। देश के अन्य हिस्सों की तरह पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी तीन सितंबर से कुपोषण मुक्ति अभियान शुरू किया गया है।


कुपोषण जैसी गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने शानदार पहल की है। सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए गोद अभियान की शुरूआत हुई। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक समेत तमाम अधिकारी अति कुपोषित बच्चों को गोद लेंगे। खबर के मुताबिक, प्रदेश में चिह्नित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा। मंगलवार को एक  कार्यक्रम के दौरान 20 अति कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया।





मुख्यमंत्री रावत ने भी खुद कुपोषण से पीड़ित बच्ची योगिता को गोद लिया। सीएम रावत ने इस दौरान योगिता के माता-पिता से भी मुलाकात की। पिथौरागढ़ में भी एक कार्यक्रम के दौरान कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार वितरित किया गया। त्रिवेंद्र रावत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी। रावत ने ट्वीट कर कहा, 'कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत मेरे द्वारा गोद ली गई बच्ची योगिता के घर जाकर योगिता के माता पिता से उसके पोषण, खानपान और दिनचर्या की जानकारी ली। योगिता को कुपोषण से बाहर लाने के लिए हरसम्भव सहयोग किया जाएगा। कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 'सही पोषण, देश रोशन।'