Uttarakhand News: सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो खैर नहीं! दंगाईयों से होगी भरपाई, जल्द बन जाएगा कानून
CM Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड में अब किसी भी विरोध प्रदर्शन में अगर सरकारी या निजी संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया तो ये भारी पड़ सकता है.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में किसी विरोध प्रदर्शन या हिंसक प्रदर्शन के दौरान अगर सरकारी या किसी की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उसकी खैर नहीं होगी. प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार जल्द ही इसे लेकर एक कानून लाने की तैयारी कर रही है, इसके तहत दंगाइयों से ही नुकसान की भरपाई कराई जाएगी. धामी कैबिनेट में इसे लेकर विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंजूरी दे दी गई है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी जानकारी शेयर की है. उन्होंने लिखा, 'प्रदेश की शांति व्यवस्था भंग करने वालों की अब खैर नहीं! दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख़्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है.'
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर शेयर की जानकारी
सीएम धामी ने कहा, 'दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी. प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और एक ऐसी नज़ीर बनाएंगे जिससे देवभूमि की पवित्र भूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढियां भी वर्षों तक याद रखेंगी.'
मुख्य सचिव ने कहा ये बात
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, 'उत्तराखंड में दंगों के दौरान किसी भी सरकारी या निजी संपत्ति को कोई नुकसान होता है, तो उपद्रवियों से इसकी वसूली के लिए एक सख्त कानून बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.'
मुख्य सचिव ने कहा, "सीएम ने एक नया कानून बनाने के लिए प्रस्ताव पास किया है. वो आर्डिनेंस के जरिए एक्ट बनेगा और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के के बाद माननीय राज्यपाल महोदय के अनुमोदन के लिए जाएगा. जो दंगे होते हैं या प्रदर्शन होते है कोई भी किसी भी तरह का आंदोलन होता है. जिसमें भीड़ उग्र होकर किसी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचती है उसके विशेष ट्रिब्यूनल बनेगा जो मुआवजे को लेकर फैसला लेंगे कि दंगाई से कितना मुआवजा लेकर पीड़ित को दिया जाए. राज्यपाल की सहमति के बाद ये क़ानून बन जाएगा.
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