Uttarakhand Women Policy: महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण के बाद अब राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है, इसके लिए एक महिला नीति बनाने की तैयारी है. राज्य महिला आयोग द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. तमाम संस्थाओं, जनप्रतिनिधि और महिलाओं से इस मामले पर सुझाव लिए जा चुके हैं और शासन की अनुमति के बाद इसका एक ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपा जाएगा. जिसमें महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन पर विशेष जोर देने कोशिश है.
राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली महिलाओं के लिए प्रदेश की धामी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. महिला आरक्षण देने के बाद सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए अलग नीति बनाने का फैसला किया है. महिला आयोग द्वारा इसके लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं. प्रदेश में तकरीबन 49 लाख महिलाएं हैं, जो प्रदेश की आधी आबादी को कवर करती हैं. महिलाओं को उत्तराखंड की रीड भी माना जाता है, लेकिन प्रदेश में महिलाओं पर उत्पीड़न, अत्याचार और अन्य घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने महिला नीति बनाने का फैसला लिया है.
महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार
महिलाओं के लिए अलग नीति बनाने की जिम्मेदारी महिला आयोग को दी गई है. इसके लिए आयोगी तरफ से भी सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. महिला नीति बनाने के लिए आयोग द्वारा तमाम लोगों से सुझाव लिए चुके हैं और उसका ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है. 8 दिसंबर को शासन के साथ बैठक कर महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा और यह शासन को सौंप दिया जाएगा.
जानिए महिला नीति की प्रमुख बातें
- महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए नीति में प्रावधान होगा.
- राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाने पर जोर दिया जाएगा.
- महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अन्य घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानूनों का प्रावधान होगा.
- लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर निगरानी की जाएगी.
- मूल्यांकन और डाटा सिस्टम महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत किया जाएगा.
- महिलाओं और बालिकाओं की स्वास्थ संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.
उत्तराखंड में जल्द लागू होगी महिला नीति
महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य का भी कहना है कि महिला आरक्षण के बाद प्रदेश में जल्द महिला नीति लागू की जाएगी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी भूमिका निभाएगी. प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों और पर्वतीय जिलों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला नीति में प्रावधान किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला आयोग सभी तैयारी कर चुका है. शासन से फाइनल बातचीत कर प्रदेश में जल्द ही महिला नीति लागू कर दी जाएगी.
राज्य गठन के 22 साल बाद भी उत्तराखंड में अलग से महिला नीति नहीं बन पाई थी, लेकिन अंकिता भंडारी मर्डर केस के बाद प्रदेश भर में महिलाओं के लिए अलग से नीति बनाने की आवाज में उठने लगी. इसके बाद राज्य सरकार ने महिला नीति बनाने का फैसला लिया, जिससे महिला आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सशक्त हो सके. वहीं महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और गैरकानूनी घटनाओं को रोकने के लिए भी नीति में कड़े कानूनों का प्रावधान हो सके.
ये भी पढ़ें- यूपी विधानसभा में फिर चढ़ सकता है सियासी पारा, 'क्या EVM की पहरेदारी कर रहे हैं अखिलेश'? केशव प्रसाद मौर्य का तंज